जिंदगी संघर्ष है
तुम जब थे
परेशान रहे
समस्याएं तो जैसे
तुम्हारा हिस्सा हो गई थी
लेकिन तुम थे
तुमने लड़ना नहीं छोड़ा
पूरी जान लड़ा दी
लेकिन फिर भी तुम
एक के बाद एक झटके
कैसे बर्दास्त करते
तुम कोई ईश्वर तो नहीं
जो पी जाते एक साथ
सारा जहर
आखिर तुम्हारे शरीर ने ही
तुम्हारा साथ छोड़ दिया
डाल दिए हथियार
चल दिए
परमात्मा की गोद में
असीम शांति में
जहाँ कोई दर्द नहीं
कोई समस्या नहीं
कोई अकेलापन नहीं
किसी के साथ की
कोई जरुरत नहीं
लेकिन ये क्या?
तुम्हारे जाते ही यहाँ भी
सब उलट पुलट हो गया
जिसे ढूंढ रहे थे
साल भर से
तुम्हारी खबर अखबार में
पढ़ते ही आ गिरा
सच
इतना गुस्सा आया
पूछो मत
उसको खोजने के लिए तुमने
जमीन आसमां
एक कर दिया
तब विलोप हो गया था
अब जब तुम ही नहीं तो
उसका भी क्या काम
फिर
तुम्हारे जीवन की और
कई प्रोब्लेम्स
धीरे धीरे उड़न छू हो गई
सारे दुःख
क्या तुम्हारे हिस्से में लिखे थे
या दुःख का खाता
ईश्वर ने
तुम्हारे नाम कर दिया था
कुछ समझ नहीं आ रहा
या यूँ कहो
हम सब की तरह
ईश्वर को भी
तुमसे प्यार हो गया
जो रह नहीं पाया
तुम्हारे बगैर
तुम तो कर्मठ हो
बिना कर्म किये
रह ही नहीं सकते
सो वहां भी खोज लोगे
अपने लिए कोई कार्य
हम सबको अब
बिना तुम्हारे
मार्गदर्शन के चलना होगा
खुद अपना मस्तिष्क
उपयोग करना होगा
दिखाई जो राह
उसपे चलना होगा
लेकिन
तुम्हारे द्वारा देखे गए स्वप्न
अब यूँ व्यर्थ नहीं जाने देंगे
फिर से बटोर कर नई शक्ति
सपनों को साकार करेंगे
ताकि तुम भी गर्व कर सको
हम बच्चों पे
तुम्हारी शिक्षा कभी
बर्बाद नहीं होगी
तुम्हारी युवा फ़ौज़
यानि तुम्हारे बच्चे
तुम्हारे जैसे ही होंगे
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