पीला रंग , दो ख्याल एक साथ
उसके हाथों में सजी थी
लाल लाल चूड़ियां,
सुर्ख लाल जोड़े में सजी
दुल्हन, पिता उत्सुक
कब वो घडी आये जो
बेटी के हाथ पीले कर
कन्यादान करूँ
सौप दू अपने कलेजे का टुकड़ा
एक अजनबी को
जो उसे उम्र भर मान दे,
सम्मान दे
पूर्ण कर दे उसे
बेटी से पत्नी में
पत्नी से माँ में,
है पीला रंग
संपूर्णता का
अलग एहसास का
जीवन में दो अलग लोगो के
साथ साथ चलने का
था साथ चलने का इरादा
आगे बढ़ने का वादा
कुछ कर गुजरने का दावा
लेकिन वक़्त को
कुछ और ही मंजूर था
मिले, साथ चले
बिछड़ भी गए
दे गया एक साथ
दुसरे को
न जाने कितनी यादें,
उदास खाली रातें,
पहाड़ से दिन,
सूखी बरसाते,
बर्फ सी सर्दियां,
तेज़ चटकीली गर्मियां
जर्द् पीला चेहरा
जो अब कभी नहीं होगा
लालो लाल
पीला रंग
तू क्यों नहीं रखता
मौत सी घसीटती,
पल पल मरती
जिंदगी का ख्याल
लाल लाल चूड़ियां,
सुर्ख लाल जोड़े में सजी
दुल्हन, पिता उत्सुक
कब वो घडी आये जो
बेटी के हाथ पीले कर
कन्यादान करूँ
सौप दू अपने कलेजे का टुकड़ा
एक अजनबी को
जो उसे उम्र भर मान दे,
सम्मान दे
पूर्ण कर दे उसे
बेटी से पत्नी में
पत्नी से माँ में,
है पीला रंग
संपूर्णता का
अलग एहसास का
जीवन में दो अलग लोगो के
साथ साथ चलने का
था साथ चलने का इरादा
आगे बढ़ने का वादा
कुछ कर गुजरने का दावा
लेकिन वक़्त को
कुछ और ही मंजूर था
मिले, साथ चले
बिछड़ भी गए
दे गया एक साथ
दुसरे को
न जाने कितनी यादें,
उदास खाली रातें,
पहाड़ से दिन,
सूखी बरसाते,
बर्फ सी सर्दियां,
तेज़ चटकीली गर्मियां
जर्द् पीला चेहरा
जो अब कभी नहीं होगा
लालो लाल
पीला रंग
तू क्यों नहीं रखता
मौत सी घसीटती,
पल पल मरती
जिंदगी का ख्याल
3 Comments:
रूह को भी छू गयी आपकी कृति ....
वाह . बहुत उम्दा,सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति
मंगलमय हो आपको दीपों का त्यौहार
जीवन में आती रहे पल पल नयी बहार
ईश्वर से हम कर रहे हर पल यही पुकार
लक्ष्मी की कृपा रहे भरा रहे घर द्वार
Shukriya nivedita ji
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