चाँद की चाँदनी मे
तारो की झुरमुठ मे
जब गिन रहे थे
बहुत से तारे
मुझे लगा कहीं ओझल
ना हो जाए वो तारा
जो लगता हैं तुम्हे सबसे प्यारा
उसकी शीतलता भी
नही बुझा पा रही
तुम्हारी दिल की तपत
शायद .....................
कोई ग़लतफहमी हैं तुम्हारी
तुमने उसे खो दिया...........
वो तो समझो तुम्हारा हो लिया....
कुछ समझ आया..
वो तुम्हारा था,
तुम्हारा हैं,
तुम्हारा हो लिया...
Aarti Sambarwal, Vijaya Pant Tuli Mountaineer, Kiran Arya and 74 others like this.
Khursheed Hayat बहुत सारे हसीं तारों के बीच से झांकती ये कविता आपकी प्रभावित कर गयी ........ सुन्दर अभिव्यक्ति .
June 5 at 9:20pm · · 1
Mutha Rakesh कोई ग़लतफहमी हैं तुम्हारी
तुमने उसे खो दिया...........
वो तो समझो तुम्हारा हो लिया....
कुछ समझ आया..
वो तुम्हारा था,
तुम्हारा हैं,
तुम्हारा हो लिया...badhiya hai
June 5 at 9:32pm · · 2
.
तुम्हारा क्या
हमारा क्या
सब एक हो लिया
तुम उसमे हो लिये
वो तुममे हो लिया ...
June 5 at 9:35pm · · 3
Baala India Buzo to Jaane .. zindagi ek paheli hai... kabhi teri .. kabhi meri saheli hai... lol ! Pranam Aparna !!
June 5 at 9:37pm · · 1
Vijaya Mishra वाह बहुत खूब प्यारी अपर्णा ..
उसकी शीतलता भी
नही बुझा पा रही
तुम्हारी दिल की तपत
June 5 at 9:46pm · · 1
Niraj Dangwal Ek tara woh sab ka payara. Sub ka dulara. Kabhi woh tumara tu kabhi woh hamara . Sub ka payara.aaj woh tara fir raha hai mara mara.na hamara aur na tumara. Bahut sunder bhav. sunder rahna.
June 5 at 9:55pm · · 1
दिल का धडकना युं तो...आम सी बात हैं...
जज़्बात जब धडकते हैं...धडकन...ऊसे कहतें है.
June 5 at 10:07pm · · 1
Prathvipal Singh सुलझा सुलझा सा ये पल ..सुलझता सुलझता सा ये समाँ ..क्या उम्मीद की निर्णित सोच की मथनी ये सुन्दर पक्तियाँ ..वाह!कमाल कर दिया.
June 5 at 11:18pm · · 1
Aparna Khare thanks..........Prathvipal Singh ji apne to ek chand aur jad diya..yahan
June 5 at 11:21pm · · 1