Saturday, June 9, 2012



चाँद की चाँदनी मे
तारो की झुरमुठ मे
जब गिन रहे थे
बहुत से तारे
मुझे लगा कहीं ओझल
ना हो जाए वो तारा
जो लगता हैं तुम्हे सबसे प्यारा
उसकी शीतलता भी
नही बुझा पा रही
तुम्हारी दिल की तपत
शायद .....................
कोई ग़लतफहमी हैं तुम्हारी
तुमने उसे खो दिया...........
वो तो समझो तुम्हारा हो लिया....
कुछ समझ आया..
वो तुम्हारा था,
तुम्हारा हैं,
तुम्हारा हो लिया...

 Aarti Sambarwal, Vijaya Pant Tuli Mountaineer, Kiran Arya and 74 others like this.