Wednesday, July 8, 2020

विश्वास


तुम तो मेरी रगों में 
बहती हो 
खून बनकर
वो कहता रहा
मैं सुनती गई
प्यार का सिलसिला
यू ही चलता रहा
वो निभाता गया
मैं बंधती रही
उसके विश्वास के छोर से

दिया एक वचन
न तोडूंगा रिश्ता
चाहे आ जाये दीवारें कितनी
दूंगा साथ बुढ़ापे में भी
बनूँगा सदा मैं लाठी तेरी

वक़्त आया
चला वो हाथ छुड़ाकर
मजबूरी उसकी थी
स्वीकृति मेरी थी

छितिज के पार जाना था उसे
उम्र उसकी धरती पे पूरी हुई

बिना शर्त वाले रिश्ते



बिना फेरों के रिश्ते
दूर तक जाते है
नही होती 
इनमें कोई 
शर्त निभाने की.....
फिर भी ये
अंत तक निभाये जाते है...
सहनी पड़ती है
अनेक दुश्वारियां
देती है दुनिया
बेधड़क गालियां
ये तो रिश्ता होता है
दिल से
दिल तक
इसमें बिना आह भरे
मुस्कुराए जाते है

Tuesday, July 7, 2020

प्रेम


वह... 
अनछुआ प्रेम
महकते एहसास
बिना कहे 
सब समझ लेना
ये भाषा तो सिर्फ
सच्चा प्रेम ही जानता है

लोग ढूंढते रह जाते है
प्रेम का वो सिरा
जो कही दिखता ही नही
क्योंकि
वो तो ईश्वर से है जुड़ा

Monday, July 6, 2020

दोस्तों ये औरत है



जीवन अपना नही है
ये तो दूसरों को 
सुख देने को मिला है
यही सोचकर
वो जहां भी जाएगी
सुख ही बरसाएगी

सह लेगी 
औरों के हिस्से के 
दुख भी
फिर भी
मुस्कुराएगी

घर आंगन की 
परवाह नही
जहां जाएगी
नया घर बसायेगी!!

गुमसुम सी मैं



खुद में डूबी, 
खुद में खोई
कभी जागी, 
कभी सोई...
तेरे बिन 
रोई रोई सी रहती हूँ...

मैं तुझमे ही 
गुम रहती हूँ!!

बिछड़े मीत

जो बिछड़ जाए 
वो मिलते कहाँ है
टूट जाये जो पत्ते
वो जुड़ते कहाँ है
रह जाती है 
दिल मे हज़ार बातें
शिक़ायत के लिए
हम है हाथ मलते
वो सपने  अपने कहाँ है!!!

नही जाऊंगा तुम्हे छोड़कर


जो कहता है 
नही जाऊंगा कभी 
तुम्हे छोड़कर
उसे खुद नही पता होता
वो सिर्फ दिलासा दे रहा है
उसे खुद नही पता होता
तकदीर ईश्वर लिखता है
उसे नही पता होता
उसका कहा 
झुठला दिया जाएगा

होगा वही 
जो लिखा होगा 
उसकी किस्मत में

कभी कभी किस्मत रूठ जाती है
वो कहकर भी 
निभा नही सकता 
अपना वादा

क्योंकि 
उसकी उम्र पूरी हुई
उसे जाना है
ईश्वर की गोद मे

हमेशा के लिए