Wednesday, September 2, 2020

किताब सी जिंदगी होती तो

 


काश 

जिंदगी भी 

कोई किताब होती

हर सफ़हे को पढ़ते

पन्ने उलट पुलट करते

सीने पे रखते 

किताब को

गहरी नींद सो जाते


किताब का हर किरदार

ख़्वाब बन 

आंखों में 

तैरता रहता

उन किरदारों के साथ

बातें करते

घूमते फिरते 

लौट आते...


लेकिन 

ये तो जिंदगी है

हक़ीक़त है

बहुत कड़वी है 

इसे पीना कोई आसान नही

बस जिंदा रहना है....


जब तक है सांसे


क्योंकि

मरना कोई आसान नही

अमृता प्रीतम का जन्मदिन

 Happy birthday amrita preetam ji..🎂🎂🎂

न मनाए कोई 

मेरा जन्मदिन

न रखे कोई याद

मुझे क्या फर्क पड़ता है

मैंने तो जी ली 

अपनी जिंदगी

अपने हिसाब से

लोगो को क्यों दर्द होता है

करने थे जो काम

सब कर डाले

दिखा दिया दुनिया को अपना अस्तित्व

अब कोई याद रखे

चाहे मार डाले

किसी की यादों में 

जिंदा रहना अच्छी बात है

अपना सौ प्रतिशत देना भी अच्छी बात है

मुझे जो करना था 

मैं कर आई...

अब चाँद का तकिया है

तारों की चादर है

रोज़ है नए ख़्वाब

ख्वाबों में उसकी याद

मेरा हम बिस्तर है...

जब हम प्रेम में होते है

 


जब हम प्रेम में होते है

सारी दुनिया 

हरी भरी लगती है

दिखने लगता है 

हर परिदृश्य 

प्रेम से परिपूर्ण


जैसे फ़िज़ा में 

प्रेम तैर रहा हो


इश्क़ की 

बारिश हो रही हो


चल रहे हो 

मोहब्बत के चक्रवात


गूंज रही हो 

शहनाइयां


हो रही हो बूंदों की

अठखेलियां


क्योंकि

हम प्रेम में है.....