Tuesday, October 6, 2020

आ जाओ एक पल को

 

उदास सा दिल
हर वक़्त 
तुम्हारा इंतज़ार
लगता है
कहीं से आ जाओगे
मुझे संभालने
अब मुझसे नही 
छिपाया जाता 
तुम्हारा दर्द
हर वक़्त
कचोटती है 
तुम्हारी यादें
हर सुहाना लम्हा
जो मैंने 
तुम्हारे साथ बिताया
वो सारी बातें
जो मुझे तुमसे करनी है
बताना है अपना हाल
जो तुम्हारे बग़ैर
तड़प तड़प कर बीता
मेरा दिल 
चाक चाक हुआ जाता है
लगता है 
फट जाएगा
मिल जाऊंगी तुमसे
लेकिन वो लम्हा
आता ही नही
तुम भी नही आते
मौत भी नही आती
क्या करूँ
कुछ तो रास्ता दिखाओ
एक बार
मेरी ख़ातिर
लौट आओ!!!!😢

Sunday, October 4, 2020

सूरज

 सूरज
वो चल रहा है
जल रहा है
दे रहा है
निरंतर खुशियां
रंग, रस, स्वाद
ढल कर भी देता है
एक आशा
आने वाले कल की
भविष्य की
प्यार की
स्नेह की
सम्बल की
उसे अब जाना है 
दूसरे देश
जगाने के लिए
बहुत काम है उसके पास

भूल पाओगे

 भूल भी जाये 
गिले शिकवे
लौटा भी दे तुम्हे 
दर्द की सौगात
तुम ये पलटवार
सह पाओगे
मेरे उदास चेहरे पे
वही मुस्कान लाओगे
बनाओगे फिर मुझे अपना
झील के मौसम
वापिस लाओगे
एक बार विचार तो कर लो
अप्पू

तुम्हारी याद

 तुम्हारी याद 
अलगनी से 
उतार कर
अच्छे से 
तहा कर
अपनी अलमारी में
रख दी है
रोज एक बार 
निकाल कर
देख लूँगी
नही तो अलमारी में
पड़े पड़े कहीं
दीमक न लग जाये
चट कर जाए
तुम्हारी सारी 
शैतानियां
अठखेलियां
जो तुम 
हम सबके साथ
किया करते थे......
धूप लगाना भी तो जरूरी होता है न मेरे यार.....

पापा की याद

 मेरे लिए अक्टूबर मतलब 

उदासियों का मौसम, यादों का मौसम, 

रातों को जागने का मौसम, 

सर पे साया न रहने का मौसम, 

तरसती आंखों से इंतेज़ार का मौसम, 

जिद पूरी करने वाले का न होने का मौसम, 

खोने का मौसम, 

लाड़ दुलार भूल जाने का मौसम, 

अजीब सी वहशतो का मौसम  

हल्की सी सर्दी, 

दीवाली का दिन, 

आपसे बिछड़ जाने का मौसम

अब नही रहा कोई सर पे हाथ फिराने वाला, 

चला गया राहतों का मौसम

मैं हूँ न कहने वाले पिता का मौसम 

मेरी हर जरूरतों को पूरा करने वाले का मौसम, 

मेरी बेजा जिद को प्यार से गले लगाने वाले बरगद जैसे सायादार पेड़ का मौसम


पापा बहुत याद आते है आप....28 साल पहले वाली छोटे बच्चे सी मैं अभी तक नही बड़ी हुई ....

याद आ रहे हो तुम

 
आज तुम्हारी 
बहुत याद आ रही है
याद आ रहे है 
चुहलबाजी करते 
न जाने कितने 
खूबसूरत पल
कितने खुश थे हम
कोई कमी नही
कोई शिकायत नही
बस प्यार के बेशुमार पल
जो बहुत मुश्किल से 
आते थे हमारे हिस्से
लगता था 
जल्दी से जी ले
क्योंकि पता था
ये पल हमारे नही है
सुनो
प्यार के पल
इतनी जल्दी क्यों गुजर जाते है
और इंतेज़ार की घड़िया
कटती ही नही है
रोज नए जिंदगी जीने के लिए
बस जिये जाते थे
कैसे मिले
यही जुगाड़ लगाते थे
आज सब है
कोई रोक टोक नही
कोई कुछ कहता नही
लेकिन
मिलने के लिए तुम भी तो नही😢😢

प्रेम

 
सच कहा उसने
प्रेम का मतलब है
एक दूजे में ढल जाना
कुछ न याद रहना
कुछ न आजमाना
हद दर्जे का विश्वास
न रहे जिस्म की ज़रूरत
लफ्जों की जुम्बिश से
सब समझ जाना
प्रेम वो ताक़त है
जो हिला देती है दुनिया को
तभी तो प्रेम को 
दुनिया के दायरे से है
हट जाना
प्रेम में लफ्ज़ नही
आंखे बोलती है
आंखों में छलकता विश्वास
गवाही देता है
सच्चे प्रेम की
लोगो ने तो प्रेम को
सतही बना दिया है
जबकि प्रेम दुनिया की
सबसे अजूबी चीज है
हो जाये तो होश नही रहता
पंख लग जाते है
पहिये लग जाते है
जेट की स्पीड से 
दौड़ता है प्रेम
लेकिन सामने वाले को 
संभालना भी आना चाहिए
वरना
एक्सीडेंट कर बैठता है 
प्रेम
तोड़ देता है खुद को
तबाह हो जाता है प्रेम