Monday, August 10, 2020

प्यार मिला क्या

 सब चलाते है, 

अपने हिसाब से


कोई नही पूछता, 

तुम्हारी रज़ा क्या है???


क्यों तड़पते हो 

रात दिन

तुमको जिंदगी से

गिला क्या है??


मिल जाएगी 

तुम्हे मंजिल मनचाही

अपने बल पर

दूसरों के 

रास्तो पे चलकर

कभी किसी को 

मिला क्या है????😢

लब खामोश है

 

समय की 

क्रूर रस्सी ने

बांध दिए है 

दोनों हाथ


लब खामोश है

दिल मे पसरा है 

गहरा सन्नाटा

कोई नही गुजरता 

इन दिनों

दिल की 

वीरान बस्ती से

अजब सा 

मंजर है


इंतजार है

वक़्त के पहिये का

जो शायद जल्दी घूमे

ले आये पटरियों पे

सामान्य जीवन


सांस आ जाये

ठहरी हुई सी 

भयभीत जिंदगी में


जिंदगी और मौत से जंग बहुत भारी है!!!!😢

तुम्हारे शब्द


 तुम्हारे लिखे शब्द

मुझे समझ तो आते है

लेकिन

पकड़ नही आते

पकड़ू भी क्यों

आखिर उन्हें भी तो आज़ादी चाहिए

घूमने की

फिरने की

सांस लेने की

चलने की

बहकने की

बहकाने की

बह जाने की

धधकने की

भड़क जाने की

दर्द की

गीत की

खुशी की

झूम जाने की

पास आने की 

दूर जाने की

सिसकने की

तड़पने की

तड़पाने की


क्यों रोकूँ

बह जाओ मेरे शब्दों

सारे संसार मे

जज्ब कर लो

सबके दर्द

जो ले रहे है

सिसकियां

हमारे तुम्हारे दिलो में

तन खाली

 

मन खाली है

तन खाली है

दुनिया का 

हर बर्तन खाली है

उड़ गई खुशियां

रह गए सपने

पड़े कोने में

रहे सिसकते

धीरे धीरे

गुम गए  

सारे ख़्वाब सुनहरे

देखे मिलकर 

इन आँखों ने

आंखों में है

नींद नही अब

जीते है 

उजडन, तड़पन संग

कोरो से 

बह रहे 

नीर निरंतर

पूछ रहे है

एक सवाल


पी क्या आओगे?

पी क्या मेरे हो पाओगे?

पी भूल तो नही जाओगे?

पी क्या पहले जैसे हो पाओगे?