Saturday, November 16, 2013

पुराने नाम से..........

 तुमने जो पुकारा मुझे
मेरे पुराने नाम से
दौड़ गई सिहरन दिल मे....
लगा कोई और हैं...
मैं नही....
क्यूंकी मैं तो ...
बरसो . . . पहले ही
ग़ुम  हो चुकी थी ..
नए रिश्तो में ....
बहू , भाभी, चाची,
मामी  और माँ   .....में
तुम ने जब पुकारा  ..
सारे  रिश्ते
पीछे छूट गए और
मैं
एक बार  फिर  
नन्ही तितली पकड़ने वाली
गुड़िया में
तब्दील हो गई ...
भूल गई
खोखली मर्यादा ....
याद रहा तो
वो बचपन ..
पुराना नाम,
मम्मी , पापा, 
पुरानी हवेली 
हम सब और तुम