बहुत सुंदर हैं नैनीताल..
एक बार तो आओ
नैनीताल तुम्हे बुलाता हैं
देती हैं पहाड़िया
तुम्हे दूर से आवाज़..
हर झरना गुनगुनाता हैं..
तल्लीताल से मल्लीताल तक..
जब चलॉगी पैदल.....
सारे लोग तुम्हे चलते दिखाई देंगे साथ..
रास्ते मे मिलेंगे कई पित्ठू..
पीठ पर समान लादे हुए...
नैना देवी का मंदिर......................
साथ साथ चलेगी नैनी झील.............
इस पार से उस पार तक....
जिसकी गहराई आज तक कोई ना
नाप पाया हैं....झील के हृदय पे चलती...
अनेक रंगबिरंगी नाव..उसपे बैठे मलाह
जो तुम्हे सैर करा देंगे...समूची झील की...
झील के इस पार बाजार का नज़ारा हैं..
घूमते हैं तमाम सैलानी..
खाते हैं ठंडी हवा..दो दिन, तीन दिन
जब तक उनका जी चाहे...
अभी टिफिन टॉप पे जाना बाकी हैं..
वहाँ से दिखती हैं चाइना वॉल..........
मीठे भुट्टे खाना मत भूलना..........
बहुत स्वाद देते हैं ये...पहाड़ी भुट्टे.....
घोड़ा खाल मंदिर...और ना जाने क्या क्या..
बहुत सुंदर हैं नैनीताल.....आओ तो सही..
नैनीताल तुम्हे बुलाता हैं
देती हैं पहाड़िया
तुम्हे दूर से आवाज़..
हर झरना गुनगुनाता हैं..
तल्लीताल से मल्लीताल तक..
जब चलॉगी पैदल.....
सारे लोग तुम्हे चलते दिखाई देंगे साथ..
रास्ते मे मिलेंगे कई पित्ठू..
पीठ पर समान लादे हुए...
नैना देवी का मंदिर......................
साथ साथ चलेगी नैनी झील.............
इस पार से उस पार तक....
जिसकी गहराई आज तक कोई ना
नाप पाया हैं....झील के हृदय पे चलती...
अनेक रंगबिरंगी नाव..उसपे बैठे मलाह
जो तुम्हे सैर करा देंगे...समूची झील की...
झील के इस पार बाजार का नज़ारा हैं..
घूमते हैं तमाम सैलानी..
खाते हैं ठंडी हवा..दो दिन, तीन दिन
जब तक उनका जी चाहे...
अभी टिफिन टॉप पे जाना बाकी हैं..
वहाँ से दिखती हैं चाइना वॉल..........
मीठे भुट्टे खाना मत भूलना..........
बहुत स्वाद देते हैं ये...पहाड़ी भुट्टे.....
घोड़ा खाल मंदिर...और ना जाने क्या क्या..
बहुत सुंदर हैं नैनीताल.....आओ तो सही..