Thursday, June 19, 2014

लो आज फिर किसी का वक़्त पूरा हो गया

लो आज फिर किसी का
वक़्त पूरा हो गया
आज कोई सबको छोड़ कर
दुनिया से चल दिया
रह गये पीछे चिल्लाते
दो छोटे बच्चे...........
एक प्यारी सी पत्नी....
जो आज से प्यारी ना रहेगी........
छिन जाएगा
सब उसका शृंगार.....
जो उसे अपने पति से था मिला....
कुछ नही था....
कहते हैं रात तक ठीक था
फिर अचानक क्या हुआ..
जो यू ही ...उठ कर चल पड़ा..
उठो...बच्चो..आज से
संघर्ष के दिन आए..
पापा जो देते थे खुशिया..
आज भगवान मे समाए..
अब तुम्हे आगे लड़ना हैं..
जीतना हैं जिंदगी की जंग...
माँ को साथ लेकर चलना हैं..
नही आने देने हैं
उनकी आँखो मे आँसू..
तुम्हे भी खुद संभलना हैं..
शायद यही रही होगी नियती तुम्हारी..
बनना होगा तुम्हे मजबूत..किले सा...
तभी ईश्वर ने ये दिन दिखाया हैं....
शायद तभी तुम्हारे पापा का......
ईस्वर के पास से बुलावा आया हैं..


(आज मन बहुत व्यथित हैं..किसी जानकार की मृत्यु हो गई हैं जिनके दो बेटीया हैं एक १० साल की दूसरी १७-१८ साल आप अनुमान लगा सकते हैं पत्नी की उमर क्या होगी?  )