रूहानी सुहानी
जीवन की सच्चाइयों को उजागर करता हुआ आपका अपना ब्लॉग जो सिर्फ़ और सिर्फ़ आपके और हमारे अनुभव को बताएगा..कैसे जिया जीवन, क्यूँ जिया जीवन और आगे किसके लिए जीवन हम सब आपस मे बाटेंगे...कही यू ही तो नही कट रहा...स्वासो की पूंजी कही यू ही तो नही लुट रही मिल कर गौर करेंगे..
Thursday, August 8, 2013
Monday, August 5, 2013
दूजा कोई देखु नही, राम रहिया भरपूर
गुरु सो ज्ञान लीजिए तो, शीश दीजिए दान
बहुते मूरख रह गये, राख देह अभिमान
दूजा कोई देखु नही, राम रहिया भरपूर
सम द्रस्टी तब जानिए, जब शीतल समता होय
सम जीवन को आत्मा, लखे (देखना )एक सा होय
सम द्रस्टी सतगुरु की, मेरो भरम निकाल
जहाँ देखु तहाँ एक हैं, साहिब का दीदार
कबीरा तू कबीर हैं, तेरो नाम कबीर
राम रतन तब पाइए, जो पहले तजे शरीर
सुख की ना तुम चाह करो..
मन को ना बेजार करो..
खुद मे रहकर खुद से ही खुश हो ले...
ज़रा ये पागलपन भी कर ले..
सच कहती हूँ मज़ा आ जाएगा..
बेहद मे जीने की मौज पा जाएगा..
जादू भरा वक़्त
तूने मुझे अपनी कमज़ोरी माना..
मैने तुम्हे अपनी ताक़त...........
तुमसे ही बना मेरा शानदार वक़्त..
तुम्हारे कंधे पे सर रख कर......
ना जाने कितना सुकून पाया हैं....
तुम्हारे साथ बिता वक़्त...
बस खुशिया ही खुशिया लाया हैं..
दिल तुम्हारे शुकराने गाता हैं...
तुम मिले हो हमे...तभी ऐसा
जादू भरा वक़्त हमारे जीवन मे आया हैं..