हा तुम
मेरे अपराधी हो..
हुआ हैं
तुमसे अपराध
मेरी तस्वीरो को..
ना सहेजने का..
मेरी आवाज़ को
अनसुना करने का
मेरे फूलो को
झरने से
ना बचा पाने का
मुझे दूर से
निहारने का..
लेकिन
मैने तुम्हे
माफ़ किया..
क्यूंकी
तुम भी
मजबूर थे..
समय के .
हाथो...
मेरे अपराधी हो..
हुआ हैं
तुमसे अपराध
मेरी तस्वीरो को..
ना सहेजने का..
मेरी आवाज़ को
अनसुना करने का
मेरे फूलो को
झरने से
ना बचा पाने का
मुझे दूर से
निहारने का..
लेकिन
मैने तुम्हे
माफ़ किया..
क्यूंकी
तुम भी
मजबूर थे..
समय के .
हाथो...