खुदा खैर करे.......................
तुम सोचना,
आज की रात,
क्या कर गयी,
शाम की मुलाकात?
नही जानता मैं तुमको,
न पहचान कोई खास है,
तुम मेरे नही हो फिरभी,
अपनेपन का एहसास है
ये क्या कर डाला हैं
गैर को अपना बना डाला हैं
अच्छे ख़ासे जी रहे थे
क्यूँ जान को सांसत मे डाला हैं
जल्दी करो इलाज़ मेरे दोस्त
वरना बुरी बीमारी से पड़ा पाला हैं
कल ही देख रही थी टीवी पे
एक व्यक्ति को हो गया प्यार
बेचारा दुनिया भर की बातो से
हो गया लाचार...
जैसे मेंसाब् घुमाती थी
घूम जाते थे..
दिन और रात मे फ़र्क नही कर पाते थे
जेब मे था खूब पैसा
सिलसिला जमा रहा
जब तक जेब भारी थी..
एक दिन मोहतार्मा
छोड़ के चली गई....
पागलो जैसा हाल हैं उनका
दिन और रात एक से लगते हैं
बेचारे अब जेब के साथ साथ
दिमाग़ के भी हो गये हल्के हैं...
खुदा खैर करे.......................
आज की रात,
क्या कर गयी,
शाम की मुलाकात?
नही जानता मैं तुमको,
न पहचान कोई खास है,
तुम मेरे नही हो फिरभी,
अपनेपन का एहसास है
ये क्या कर डाला हैं
गैर को अपना बना डाला हैं
अच्छे ख़ासे जी रहे थे
क्यूँ जान को सांसत मे डाला हैं
जल्दी करो इलाज़ मेरे दोस्त
वरना बुरी बीमारी से पड़ा पाला हैं
कल ही देख रही थी टीवी पे
एक व्यक्ति को हो गया प्यार
बेचारा दुनिया भर की बातो से
हो गया लाचार...
जैसे मेंसाब् घुमाती थी
घूम जाते थे..
दिन और रात मे फ़र्क नही कर पाते थे
जेब मे था खूब पैसा
सिलसिला जमा रहा
जब तक जेब भारी थी..
एक दिन मोहतार्मा
छोड़ के चली गई....
पागलो जैसा हाल हैं उनका
दिन और रात एक से लगते हैं
बेचारे अब जेब के साथ साथ
दिमाग़ के भी हो गये हल्के हैं...
खुदा खैर करे.......................