रूहानी सुहानी
जीवन की सच्चाइयों को उजागर करता हुआ आपका अपना ब्लॉग जो सिर्फ़ और सिर्फ़ आपके और हमारे अनुभव को बताएगा..कैसे जिया जीवन, क्यूँ जिया जीवन और आगे किसके लिए जीवन हम सब आपस मे बाटेंगे...कही यू ही तो नही कट रहा...स्वासो की पूंजी कही यू ही तो नही लुट रही मिल कर गौर करेंगे..
Thursday, October 10, 2013
Tuesday, October 8, 2013
विचारों की ठंड
सोचते सोचते
खुद से खुद को..
विचारों की पहाड़ियों पे
बहुत दूर निकल आया हूँ..
विचार हैं कि
सुनसान रास्ते की तरह
ख़त्म होने का
नाम ही नही लेते..
एक के बाद
दूसरा विचार...
ठंडी हवा के
झोंके की तरह
मन को छूते ही जा रहे हैं..
और
ये मन हैं कि
उन विचारों की ठंड से
सिहरा जा रहा हैं..
तुम छू लो आसमान...
बस इतनी सी खावहिश हैं
बढ़ते रहो हमेशा...
इतनी सी चाहत हैं..
खुद से खुद को..
विचारों की पहाड़ियों पे
बहुत दूर निकल आया हूँ..
विचार हैं कि
सुनसान रास्ते की तरह
ख़त्म होने का
नाम ही नही लेते..
एक के बाद
दूसरा विचार...
ठंडी हवा के
झोंके की तरह
मन को छूते ही जा रहे हैं..
और
ये मन हैं कि
उन विचारों की ठंड से
सिहरा जा रहा हैं..
तुम छू लो आसमान...
बस इतनी सी खावहिश हैं
बढ़ते रहो हमेशा...
इतनी सी चाहत हैं..