Thursday, December 12, 2013

इश्क़ बिना...जीना कैसा..


माना साजिशो के मौसम मे...बचना बहुत ज़रूरी हैं..
नही  निकलूंगी  घर से मैं...लेकिन इश्क़ बिना...जीना कैसा..
तुम बिना अकेले रहना कैसा????????

आज लड़ डालो..पुराना साल जाने वाला हैं
हिसाब कर डालो..शायद दिख जाए कोई फायदा
अपनी किताब चेक कर डालो..

मत खाओ ऐसी कसम..जो कभी ना हो पूरी.
क्यूंकी
जिंदगी हर कसम...पूरी नही होने का वक़्त नही देती

बेटी होती ही ऐसी हैं...
जब तक रहती हैं..बिखेरती हैं खुशिया
उनके एक दिन के जाने से ही फैल जाती हैं नीरवता...
शांति और बेचैनिया...घर मे..लाइफ मे..


अर्ज़ किया हैं..


दिल की शिकायत को जुबा पे लाना नही आया..
डूब गये गम मे..मुस्कुराना नही आया..

तुम्हे गर कुछ कहना था..एक बार सोच तो लेते..
कोई कितना सह पाएगा..ये मन से पूछ तो लेते..

मोहब्बत का सलीका तो..हम सीख ना पाए....
किया था जो इश्क़ कभी...उनसे बोल ही ना पाए..


तुम से हारी वो जानबूझ कर


वो हसीन चेहरा...
छुप गया हैं बादलो मे...
तुम आओ तो कुछ बात बने..
चेहरे से परदा हटाओ तो..
कुछ बात बने..

तुम से हारी
वो जानबूझ कर
खुद से हारी.....
क्यूंकी
अपने पे ज़ोर ना चला..

तुम्हारा प्रेम भी पानी जैसा हैं...
आँसू के सहारे बह निकला......


मेरा जुनून..
तुझे मिलू..
जनम..दर जनम...
तभी मिले..
मुझे ..
सच्चा सुकून..

क़लम हैरान हैं..


नन्हे एहसास जब छलकते हैं
नही रह जाता फिर कोई ज़ोर
अपने शब्दो पे..
कलम भी मूक हो जाती हैं...
थम जाती हैं उंगलिया..
उपजते हैं तब भाव के गहरे अल्फ़ाज़..

निकल पड़ती एक सरिता
मुझे, तुम्हे..सबको
अपने आप मे डुबोने के लिए..
पवित्र जलधारा फसा देती हैं हमे..
अपने गहरे भाव मे...
जहाँ से निकलना आसान नही होता..
क्यूँ ...
सच हैं ना..
बोलो...तुम क्या कहते हो????

Wednesday, December 11, 2013



लौटा दो वही प्यार..
वही एतबार.........
ना करो यू ज़िद.....
निकल ना जाए
हमारी जान..
कहे किससे  बार बार





तुम्हारी ये मदहोशी..किसी की जान ना ले ले..
तुम्हारे साथ जो उतरी ये खामोशी...हमे..बेताब ना कर दे..
हमी ने कहा था..कभी तुमसे..नज़र सुलझी तो सुलझेंगे..
देखो अब आ गई वो घड़िया...थोडा सा और झूम लेने दो..
जश्न की रात हैं आई..हमे अब ...कुछ ना कहने दो...

नदी, समुंदर, पहाड़, जंगल...
हर शय हसीन
तुम्हारी नज़र पारखी..
दुनिया मे नज़र आए..
बरकत ही बरकत..
खुदा बक्शे तुम्हे हर नियामत..


चलो तुम समझे तो सही..
कसम ना खाओ..इतनी गॉड की..

अब चलेगा विराज का राज..
दादी की बात भूल जाओ आज..
नन्ही तॉतली बाते...याद आएँगी जब
दादी का मुखड़ा दुख मे डूब जाएगा ..तब



मैं सुंदर या वो...


जो बना हम..
वो हैं सुंदर...
हमारी तरह..
क्यूँ दूर हुआ ना
तुम्हारा confusion

या ढूँढ के लाउ..
कोई और  connection
हमारे सुन्दर होने का..
तुम्हारे..मुझमे होने का..
मेरे संग मे खोने का..


Monday, December 9, 2013

तेरी पलको का बाल..



हथेली पे लेकर
तेरी पलको का बाल..
मैने माँगा था..
तुझे ही ईश्वर से..
नही बताया था.. तुझे तब...ये बात
क्यूंकी..
सुना हैं मैने कहीं ...
बताने से ख़तम हो जाता हैं
असर.............माँगी हुई मुरादों का..
सो डरती हूँ...
हर बार की तरह...
इस बार भी कही...
तुम्हे खो ना दू....हमेशा के लिए..

जैसे ही सूरज की किरनो ने छूकर हमको पहनाया सुर्ख लिबास हमने भी ली अंगडाई.....तम भागा ..मन मे भर गया उजास..



जैसे ही सूरज की किरनो ने छूकर हमको पहनाया सुर्ख लिबास
हमने भी ली अंगडाई.....तम भागा ..मन मे भर गया उजास..

दुनिया से अपने क्या सीखा..गर ना आया..सीने पे पैर रख आगे बढ़ जाना..
यही हैं दस्तूर दुनिया का..जो ना आया तुम्हे निभाना.....


रोशनी भर देते हैं दोस्त..जीवन मे..
साथ चले सच्चे बनकर अगर वो हमारे..

तुम्हे क्या हैं ज़रूरत उलझने की... अब किसी से क्या
सब जान जाएँगे...तुम्हारी बात हैं क्या .........
तुम बस चुप रह कर नज़ारे लो..इस दुनिया के..
तुम्हारे लिए...ग़रीबी ... क्या...अमीरी क्या......
तुम ठहरे...फकीर..इस दुनिया. के..

मेरी हँसी...बन जाती हैं खुशी...तुम्हारे लिए..
इतने ही अच्छे रहना हमेशा...हमारे लिए..
 

उवाच से हुआ हमको तुरंत  फायदा..
कर्म सारे काट गये..पाप से ना रहा कोई वास्ता..

देर से ही सही..अच्छा मिला जो मिला..
कुछ देर इसे प्यार से देख तो सही इसे..क्यूँ करता हैं ईश्वर से गिला..

तुम तो खुद हो बसंत का मौसम..
यू ही मुस्कुराते रहना..हमेशा..हमारे लिए

एक इलतजा..
--------------
मत रखना इंतज़ार का कोना..अपने बॅंक मे कभी भी..
वरना तक जाओगे इंतेज़ार करते करते...नही भरेगा..वो कोना..कभी भी..

मुक्ति के रास्ते बनारस से होकर नही...
अपने करमो से होकर जाते हैं............
करमो का ख़ाता खाली....तुम मुक्त..हमेशा के लिए..

उनके एहसास से जीती हूँ..
उनके एहसास से मरती हूँ..
मेरा क्या हैं यहाँ................
मैं तो उन्ही के लिए.....
साँसे लेती हूँ..