Thursday, June 18, 2020

तुम नही हो......😢 18 जून 2018 की रचना

प्यारी बारिश
धुले से पेड़
खुश होते फूल
दिल मे
घुमड़ते अरमान
कहाँ हो तुम???
अबकी बारिश
अच्छी नही लग रही
तुम जो नही हो
आस पास

सब धरती पे छूट जाता है



इंसान चला जाता है
धरती का दहेज 
धरती पे रह जाता है

रह जाती है
अनगिनत यादें
उसका अनूठा प्यार
सबका ध्यान 
रखने का स्वभाव
खिलखिलाहटें, 
जी भर कर देखना, 
कभी रोना, 
कभी हंसना, 
कभी हताश होना, 
कभी औरों को 
दिलासे देना
न जाने 
कितने छिपे स्वभाव
ये तो हुई उसकी आदतें

इनके सिवा

लैपटॉप, मोबाइल, 
मोटर गाड़िया,
ढेरों मनपसंद कपड़े
म्यूजिक प्लेयर, जूते चप्पल
सीडी, कसरत के सामान
और न जाने क्या क्या...

नाम रह जाता है...
Designation भी 
याद किया जाता है....
पुरानी फोटुएं
खूबसूरत चेहरा 
बार बार बुलाता है...
सब छूट जाता है....
और
इंसान गुम हो जाता है...

Tuesday, June 16, 2020

शब्दों से अवसाद


शब्द रचते है 
षड्यंत्र
करते है हत्या
एक कमजोर 
मन की
भर देते है 
गहरा अवसाद
गहन दुख
घनघोर अंधेरा
उदासी
निराशा
इस लोक से
उस लोक तक 
यात्रा