मन नम.... नम मन
काश
मन हो जाता नम
भिगो देता
सारे संसार को
बहा देता
जज्बात की
असंख्य नदियां
जहाँ से हर कोई
बखुशी गुजरना चाहता....
जीवन की सच्चाइयों को उजागर करता हुआ आपका अपना ब्लॉग जो सिर्फ़ और सिर्फ़ आपके और हमारे अनुभव को बताएगा..कैसे जिया जीवन, क्यूँ जिया जीवन और आगे किसके लिए जीवन हम सब आपस मे बाटेंगे...कही यू ही तो नही कट रहा...स्वासो की पूंजी कही यू ही तो नही लुट रही मिल कर गौर करेंगे..
काश
मन हो जाता नम
भिगो देता
सारे संसार को
बहा देता
जज्बात की
असंख्य नदियां
जहाँ से हर कोई
बखुशी गुजरना चाहता....
वेंटीलेटर पर है
सारे रिश्ते
हमारी एक प्रतिक्रिया की
देरी है...
दफ़न कर दिए
जाएंगे तुरंत
कितना भी हो ...
खासो खास रिश्ता
बस आंख मुंदने की
इंतजारी है...
सुलगते सवाल
ठंडे जवाब
तुम्हे परोसे जाएंगे
नही पडेगा फ़र्क
किसी को भी
बस दो चार दिखावटी
आंसू बहाए जाएंगे
मनाए जाएंगे
जश्न बड़ी धूमधाम से
ये बताकर
इतनी ही उसकी सांसे थी
जिंदगी का कर्ज पूरा कर
चला गया...
तभी तो कहती हूँ
जी लो
अपनी जिंदगी
जब तक है तुममे
धड़कने बाकी
कर लो
हर वो काम
जिससे तुम्हे मिलती है खुशी
मुबारकबाद तुम्हे कि
तुम जिंदा हो....
प्यार, मोहब्बत, जिंदादिली....
सब तुम्हारे हिस्से में
अभी तक बाकी है...
घाट के किनारे पे
छिपे रहते है
अनेको प्रेम के किस्से
ढेरो कहानियां
जो साकार
न हो सकी
जिनकी कसक
दिल मे रह गई
कभी न मिल सके
ये दिल
जबकि
ये बाकायदा
प्रेम में थे.....
आज तुम आये
बहुत अच्छा लगा
सच....
सुबह से
बहुत ख़ुशी
महसूस हो रही है
लग रहा है
महीनों बाद
लौटे हो तुम
कहीं दूर से
मुझे इतने दिनों तक याद रखा
यहाँ तक कि
मेरे लिए गिफ्ट भी लाये
मेरी उलाहना को भी
हंसकर सुना
सुनो
जब मैं तुम्हे गुस्से से
कुछ कह रही थी तो तुम
मेरी बातें नही सुन रहे थे
बल्कि
मेरी आवाज के
उतार चढ़ाव को
महसूस रहे थे
मेरी आँखों मे जो
आंसू ठहरे थे
इतने दिनों बाद
अचानक तुम्हे देखकर
तुम उन्हें आत्मसात कर रहे थे...
देख रहे थे
बिछड़ने के दर्द को
जो मेरी बातों से
ढलक कर
तुम्हारे आगोश में जा रहा था
सुनो
फिर आओ न
कभी न जाने के लिए
एक बार
प्लीज प्लीज प्लीज