रूहानी सुहानी
जीवन की सच्चाइयों को उजागर करता हुआ आपका अपना ब्लॉग जो सिर्फ़ और सिर्फ़ आपके और हमारे अनुभव को बताएगा..कैसे जिया जीवन, क्यूँ जिया जीवन और आगे किसके लिए जीवन हम सब आपस मे बाटेंगे...कही यू ही तो नही कट रहा...स्वासो की पूंजी कही यू ही तो नही लुट रही मिल कर गौर करेंगे..
Thursday, January 30, 2014
मीलों दूर हो तुम .मुझसे .
पीछे से टिकाया जो मैने
तुम्हारी पीठ पे अपना सर...
सुकून सा मुझे आया ..
तुम्हे भी लगा अपनापन..
महसूस कर सकते थे
अब तुम मेरे दिल की हर बात..
जो नही कही थी तुमसे मैने अब तक..
सहला कर मेरे बालों को...
tumne भी दे दी थी मुझे हामी..
जैसे समझ गये हो तुम मेरा अनकहा..झट से..
शायद....यही अनकहा....
आज हमे काम आ रहा हैं
मीलों दूर हो तुम .मुझसे .
फिर भी तुम्हारा एहसास मुझे महका रहा हैं..
तुम्हारी पीठ पे अपना सर...
सुकून सा मुझे आया ..
तुम्हे भी लगा अपनापन..
महसूस कर सकते थे
अब तुम मेरे दिल की हर बात..
जो नही कही थी तुमसे मैने अब तक..
सहला कर मेरे बालों को...
tumne भी दे दी थी मुझे हामी..
जैसे समझ गये हो तुम मेरा अनकहा..झट से..
शायद....यही अनकहा....
आज हमे काम आ रहा हैं
मीलों दूर हो तुम .मुझसे .
फिर भी तुम्हारा एहसास मुझे महका रहा हैं..
आज उसे भूखा मरना पड़ा..
उसके किस्से असली थे..
उसने जिया था ये सब कुछ.
समय बदला..लोग बदले..
सब कुछ बदलता गया..
खो गई विरासते..
रानी, रजवाड़े..ख़ान पान किमाम सब
और आज उसे भूखा मरना पड़ा..
उसने जिया था ये सब कुछ.
समय बदला..लोग बदले..
सब कुछ बदलता गया..
खो गई विरासते..
रानी, रजवाड़े..ख़ान पान किमाम सब
और आज उसे भूखा मरना पड़ा..