Friday, April 24, 2015

sun radha

सुन राधा
मैं तेरा कान्हा
तुझे छोड़ जाउगा 

एक दिन
मेरे प्यार मे तू

दीवानी सी घूमे
दे जाउगा

विरह गीत इतने
उमर भर तू मुझे
पा ना सकेगी
मेरी छवि को

भुला ना सकेगी
देती रहेगी तू

मेरे प्यार की दुहाई
फिर भी अपना 

बना न सकेगी
दोषी हूँ तेरा
मुझे  माफ़ करना
दिल मे जो आए
सज़ा वो तुम देना

तुझे खोकर
शांति
मुझे भी
कहाँ आ सकेगी

Thursday, April 23, 2015

kitne pavitr ho tum


शाम का समय था
हल्की हल्की बूँदा बंदी हो रही थी
मौसम उदासीन था
या यू कह सकते हैं
मैं ही उदास थी
कुछ समझ नही आ रहा था
धड़कने थी कि बार बार मुझे
तुम्हारी ओर खीचे ले जा रही थी
यादों का काफिला
जैसे आज अपनी पूरी रवानी पर था
जबकि मैं थी की यादों की गिरप्त मे नही आना चाहती थी
यानी की तुमसे बहुत दूर जाना चाहती थी
तुम्हारा बेसबब याद आना...
इसका सीधा मतलब था
मुझे मुझसे ...बहुत दूर ....ले जाना
तुम्हारा व्यक्तित्व ही कुछ ऐसा था
मंत्र मुग्ध कर देने वाला
वैसे तो तुम बहुत कम बोलते थे
लेकिन जब बोलते थे तो लगता
जैसे सफेद फूलों से लदे पेड़ों से
सनडर खूबसूरत फूल एक साथ झड रहे हो
बिल्कुल झेनी बारिश की तरह
या यू कहो
बिल्कुल पवित्र तुम्हारी तरह
तुम्हारा बेबकीपन,
झट से सबको अपना बना लेने का स्वाभाव
जैसे ज़मीन पे अचानक बैठ कर
अम्मा के पैर दबाने लगना
अपने पुराने पुराने किससे सबको सुनना
बच्चो के साथ बच्चा बन जाना
ये ऐसे गुण थे की  कोई तुम्हारे पास से
उठ कर ही ना जाना चाहता हो..
सच कितना अच्छा वक़्त था
जब हम साथ थे
सब साथ थे....
यादें नही तुम
तुम हमारे पास थे....

Wednesday, April 22, 2015

पगा हुआ प्रेम

तुम आराम से बैठे
अपना काम कर रहे थे
मैं तुम्हे कनखियो से देखे जा रही थी
कितने प्यारे लग रहे थे तुम
अपने काम मे डूबे
सच समय कितना आगे निकल आया हैं
इतना आगे कि तुम्हारे कनपटी के बॉल उम्र पर
अब अपना रोब जमाने लगे हैं 
आँखो पे टिका चश्मा
तुम्हारे परिपक्व होने की कहानी कह रहा हैं ...
जबकि कल की ही बात थी
हम जब मिले थे
वो भी अपना परिचय
एक लड़ाई  से हुआ था
तब कितना तंग करते थे तुम मुझे
यहाँ तक कि मैं रो ना दूँ
तुम्हारा यही तंग करना
ना जाने कब  दिल मे उतर गया
लगा तुमसे बेहतर साथी तो कोई हो ही नही सकता
बंध  गई तुम्हारे साथ अटूट बंधन में
हमेशा के लिए
आज जब हम दोनो उम्र के एक पड़ाव पे आ चुके हैं 
तो लगता हैं  चाहते और भी बढ़ रही हैं
तुम्हारा दोनों के भविष्य  की चिंता करना  
फंड के लिए आंकलन करना
कभी घबरा कर यह कहना
हम एक साथ यहीं रहेंगे 
बच्चो के पास नहीं जाएँगे
जताता हैं
कितना गहरा प्यार हैं तुम्हारा मुझसे
तुम मुझे ज़रा भी परेशान नही देखना चाहते
अब एहसास होता हैं
क्यूँ ज़रूरी होता हैं उम्र के आख़िरी पड़ाव  पे
एक साथ होना
एक दूसरे का संबल
एक दूसरे का  सहारा  होना
गाड़ी के दो पहिए वो भी संतुलित
शायद यही हैं प्रेम का ठहराव
या
यू कहे पगा हुआ प्रेम