मेरी नज्म दरिया से उठा लो
जो मेरी सोचो से
निकल कर बह गई
दरिया में
जी करे तो उठा लेना
पूछ लेना उस से मेरा हाल
कुछ उसको भी सहला देना
भीग कर आई है
वो कही दूर से
हो गया होगा
उसको खांसी जुकाम
थोड़ी ताज़ा अदरक की गर्म चाय पिला देना
एक नज्म
जो बह गई है
मेरी सोचो से
निकल कर
उसको मोहब्बत से
उठा लेना