रूहानी सुहानी
जीवन की सच्चाइयों को उजागर करता हुआ आपका अपना ब्लॉग जो सिर्फ़ और सिर्फ़ आपके और हमारे अनुभव को बताएगा..कैसे जिया जीवन, क्यूँ जिया जीवन और आगे किसके लिए जीवन हम सब आपस मे बाटेंगे...कही यू ही तो नही कट रहा...स्वासो की पूंजी कही यू ही तो नही लुट रही मिल कर गौर करेंगे..
Saturday, August 24, 2013
Friday, August 23, 2013
भक्त की आर्त पुकार - Dard
दर्द..... दर्द ......
चारो ओर बिखरा हुआ ................दर्द..
किसी के पास maa नही
उसका दर्द..
किसी को पिता से
दूरी का दर्द
जिसके पास दोनो हैं..
उसको भरपेट भोजन नही हैं...
जिसको भोजन की भरपूरता हैं...
उसे किसी ना किसी
बीमारी ने जकड़ा हैं..
जिसको बीमारी नही हैं..उसे
अपने ही रिश्तो ने
बुरी तरह रगड़ा हैं
सब किसी ना किसी
दर्द मे उलझे हैं..
नही हैं कोई भी सुखी....
सब अंदर से बिखरे हैं..
कोई तो रास्ता दिखाओ...
हम सब को...
इन दर्द से.....आराम....दिलाओ...
प्रभु आओ....तुम आओ...
अब आ भी जाओ...
ये सर वो सर नही हैं
जिसे रख के मैं उठा लूं..
झुक गया जो तेरे दर पे
आता नही उठाना.......
मुझे रास आ गया हैं..
तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी
मुझे मिल गया ठिकाना
चारो ओर बिखरा हुआ ................दर्द..
किसी के पास maa नही
उसका दर्द..
किसी को पिता से
दूरी का दर्द
जिसके पास दोनो हैं..
उसको भरपेट भोजन नही हैं...
जिसको भोजन की भरपूरता हैं...
उसे किसी ना किसी
बीमारी ने जकड़ा हैं..
जिसको बीमारी नही हैं..उसे
अपने ही रिश्तो ने
बुरी तरह रगड़ा हैं
सब किसी ना किसी
दर्द मे उलझे हैं..
नही हैं कोई भी सुखी....
सब अंदर से बिखरे हैं..
कोई तो रास्ता दिखाओ...
हम सब को...
इन दर्द से.....आराम....दिलाओ...
प्रभु आओ....तुम आओ...
अब आ भी जाओ...
ये सर वो सर नही हैं
जिसे रख के मैं उठा लूं..
झुक गया जो तेरे दर पे
आता नही उठाना.......
मुझे रास आ गया हैं..
तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी
मुझे मिल गया ठिकाना