रूहानी सुहानी
जीवन की सच्चाइयों को उजागर करता हुआ आपका अपना ब्लॉग जो सिर्फ़ और सिर्फ़ आपके और हमारे अनुभव को बताएगा..कैसे जिया जीवन, क्यूँ जिया जीवन और आगे किसके लिए जीवन हम सब आपस मे बाटेंगे...कही यू ही तो नही कट रहा...स्वासो की पूंजी कही यू ही तो नही लुट रही मिल कर गौर करेंगे..
Tuesday, May 29, 2018
रंग ए मोहब्बत है
उतरेगा तो उतरेगा कैसे??
दर्द की बारिशों का असर
कम हो तो, कम हो कैसे???
दर्द ए इंतेहा तो
दर्द के साथ
गुजर जाएगा
जख्मों के जखीरे
देखोगे तो देखोगे कैसे??
अंधेरे मिला देंगे तुम्हे
सूरज से एक दिन
तुम सूरज का
जलता सफर
सहोगे तो सहोगे कैसे??
बेवफाई की बात मत करो
ये तो इंसान की
रग रग में है मौजूद
तमाशा ए इन्तेक़ाम तुम
लोगे भी तो लोगे कैसे???
कुछ खोया
कुछ पाया
कुछ गवाया
तब जाकर
इतना सारा
अनुभव पाया
याद से तुम्हारी
आंखे गंगाजल सी
हो जाती है
है पवित्र इतनी
तुम्हारी याद
मुझे पावनी
बनाती है
यू ही मिले
साथ तुम्हारा
लेकिन
कुछ शर्तों के साथ
नही जाएंगे
बीच मे छोड़कर
एक दूजे का साथ
बोलो मंजूर हो
शर्त तो
आगे बढ़ते है
वरना जैसे चल रहा है
वैसे ही चलते है!!!!
लघु कथा परीक्षाफल
आज सुबह से ही ममता का दिल बहुत उदास था उसे रह रह के मानसी के पापा की याद आ रही थी आज से 13 साल पहले ममता के पति की एक्सीडेंट में मौत हो गई थी तबसे मानसी बिटिया को वो ही पालती आयी है अपनी कड़ी मेहनत से
आज बिटिया का दसवी का रिजल्ट आना था जिसमे मानसी ही नही ममता को भी अच्छे नम्बरों से पास होना था यही कारण था कि ममता का दिल डर से बैठा जा रहा था ।तभी मानसी के पड़ोस से एक लड़का दौड़ता हुआ आया और बोला दीदी मानसी बिटिया अच्छे नम्बरों से पास ही नही हुई जिले मे भी प्रथम आयी है ये सुनते ही ममता को खुशी के मारे चक्कर आने लगा और वो बेहोश हो गई आंख खुली तो सब चारो ओर से उसे बधाई दे रहे थे कुछ पत्रकार बिटिया का इंटरव्यू भी ले रहे थे। आज ममता को लगा मेहनत कभी बेकार नही जाती आज मानसी नही, वो टॉप की है जिले में।
आज बिटिया का दसवी का रिजल्ट आना था जिसमे मानसी ही नही ममता को भी अच्छे नम्बरों से पास होना था यही कारण था कि ममता का दिल डर से बैठा जा रहा था ।तभी मानसी के पड़ोस से एक लड़का दौड़ता हुआ आया और बोला दीदी मानसी बिटिया अच्छे नम्बरों से पास ही नही हुई जिले मे भी प्रथम आयी है ये सुनते ही ममता को खुशी के मारे चक्कर आने लगा और वो बेहोश हो गई आंख खुली तो सब चारो ओर से उसे बधाई दे रहे थे कुछ पत्रकार बिटिया का इंटरव्यू भी ले रहे थे। आज ममता को लगा मेहनत कभी बेकार नही जाती आज मानसी नही, वो टॉप की है जिले में।
गीता कपूर की माँ
ऐसे बेटों का
इंतज़ार कैसा
दुख में नही आये तो
प्यार कैसा
अब नही मिलूंगी
तुम्हे के सात जन्मो तक
आठवें जन्म में भी
कोई माँ ऐसा बेटा न पाए
तो अच्छा
चलो माफ किया तुमको
बद्दुआ कोई माँ
दे नही सकती
अब किसी माँ का
दिल न दुखाना
जहां रहना खुश रहना
मेरे न रहने का
शोक न करना
मुक्त करती हूँ तुम्हे
अपनी इस माँ बेटे की जिम्मेदारियों से
ईश्वर तुम्हे अब किसी का
बेटा न बनाये तो अच्छा
कोई माँ बनकर
तुम्हे न सताए तो अच्छा!!@अपर्णा खरे
अम्मा की पूंजी - लघु कथा
आज अम्मा को गए पूरे तीन दिन हुए थे। पूरा घर इकट्ठा हुआ था खास कर अम्मा के तीनों लड़के जो अम्मा की आंख के तारे थे
अम्मा बड़े गर्व से सबके सामने सीना तान के कहती मैंने लड़के नही लट्ठ पैदा किये है देखना सब कैसे शान से मेरी जिंदगी चलवाएंगे। बड़ा अभिमान था अम्मा को अपने बेटों पे।
सब काम सुचारू रूप से चल रहा था पूजा समाप्त हुई तो सब खाने खिलाने में लग गए धीरे धीरे घर खाली होने लगा, सिर्फ घर के लोग बचे अब बड़ी भाभी पापा के पास आई और बच्चे की नौकरी का बहाना बनाकर चलती बनी ऐसे मौके पे पापा कहते भी तो क्या?
अब अम्मा की प्रिय मझली बहु की बारी थी उन्हें भी बैंक के कुछ जरूरी कागज जमा करने थे सो उन्होंने भी पापा से माफी मांग कर दरवाजे की राह पकड़ी भाई तो वैसे भी जोरु के गुलाम।
तीसरे बेटे का अभी अभी ट्रांसफर हुआ था सो उसे तुरंत ड्यूटी जॉइन करनी थी उनके रुकने का कोई सवाल ही नही। रह गई हम तीन बहने जिन्हें माँ ने कभी बेटो के आगे कुछ समझा ही नही। आज उन्ही बेटो के पास पिता के दुख को बांटने का वक़्त नही था। हम बेटियां माँ की अनेक झिड़कियां सुन ने के बाद भी पिता के साथ थी शायद माँ ये बात कभी समझ ही न पाई बेटियां दिल की जाई होती है बेटे दौलत के जाएँ।
अपर्णा खरे 29.5.2018