Friday, December 14, 2012

क्यूँ जिंदगी के बेरंग रंगो मे..

 जिंदगी के रंगो मे 
अपना रंग तलाश करते हो..
चाँद .......     जो रहा उम्र भर उजला..
उसे भी रंगो से भरने की बात करते हो
कभी होगा क्या ऐसा..सोचा हैं तुमने
भरेगा जब रंग हमारे जैसा..
भूल जाएँगे सब कुछ..गम तकलीफ़...मुसीबत..
जो दिया हमे जिंदगी ने कसैला..
ऐसी कैसी तुम बात करते हो..
चाँद जो..उम्र भर रहा उजला ..उसमे
रंगो की तलाश करते हो..
अब नही रहा विश्वास जिंदगी पे..
नही रही आस कोई अपनी खुशी से..
सब कुछ बेकार करते हो..
क्यूँ जिंदगी के बेरंग रंगो मे..
अपने रंग की तलाश करते हो..





Thursday, December 13, 2012

बस तुम्हारा प्रेम ही नज़र आता हैं...





अकेले मे बैठकर सोचा करती हूँ तुम्हे
खुद से ही तुम्हारी बातें किया करती हूँ मैं..
सच बहुत अच्छा लगता हैं..तुम्हे सोचना

जब नही होते हो पास तुम...तुम्हे......
अपने भीतर खोजना..
खोजते खोजते तुम हो जाती हूँ...
तुम्हारे ख़याल मे..
नही रह जाता मेरा कोई अस्तित्व..
मेरे अपने वजूद मे..................
तुम भी जब मेरे भीतर
मुस्कुरा कर उतर आते हो..
जब याद आती हैं तुम्हारी बाते
खुद से ही मैं शर्मा जाती हूँ...
लालो लाल हुई जाती हूँ.......
झर उठता हैं तुम्हारा प्रेम......
पतझड़ मे बहार की तरह.......
काटो मे खिला हो..गुलाब इस तरह
मंद मंद मुस्काती हूँ....अपने से बतियाती हूँ..
सोचती हूँ ये कहूँगी..वो कहूँगी....लेकिन..
तुम्हे देखते ही....सब भूल जाती हूँ.....
रह जाता हैं एक मीठा सा एहसास....
जो बरबस तुम्हारी ओर ले जाता हैं..
नही छोड़ता मेरे भीतर कुछ...........
बस तुम्हारा प्रेम ही नज़र आता हैं..

वरना छाछ मे क्या रखा हैं

चाहो ने तो कर दिया हमको पूरा ढेर..
बाकी रह गये किश्त अब..बॅंक से हुआ बैर

गम के इस दौर मे खुशिया हैं केवल चार..
और तुम कहते हो..अब हम इन्हे भी दे मार....

क्यूँ डराते हो दुनिया वालो...
खुद तो करते हो इश्क़.......
प्रेम खूब करते हो....
हमे छाछ बतलाते... हो....

देता गिन के नीवाले तो उड़ जाते सबके होश
फेक रहे सब अन्न को..होकर के मदहोश

तुम्हारा मान रखा हैं..
वरना छाछ मे क्या रखा हैं

नही जानते की क्या कर रहे हैं वो..
छोड़कर थाली मे अन्न ..
बड़ी भूल कर रहे हैं वो

छाछ भी देती हैं फायदा
बस उसको पीने का कुछ हैं कायदा..

चीटी को कण, हाथी को मन का वादा हैं..
उठता ज़रूर हैं भूखा, खाना खिला कर ही सुलाता हैं..



सपने तो चले आपके साथ.. हम तो रह गये खाली हाथ..


सपने तो चले आपके साथ..
हम तो रह गये खाली हाथ..

ख़याल आया की तुम
ख़यालो मे ना आ जाओ..
बंद कर ली हमने आँखे..जल्दी से ..
कहीं तुम लौट ना जाओ..

तुम लाए हो नई दास्तान...
लोगो ने भी खड़े किए कान..
हीर रांझा लौटे..फिर से होकर नौजवान..
चलो बनाए....फिर से किस्सा ए उनवान..

नही जाना खवाब कहीं तुम..
हम अभी अभी सोए हैं...तुम्हारे लिए

आ भी गये मुझ तक तो कुछ ना होगा..
दुनिया का ज़लज़ला तुम्हारा रास्ता रोक लेगा

गम के इस दौर मे खुशिया हैं केवल चार..
और तुम कहते हो..अब हम इन्हे भी दे मार....

तुम झूठ कहते हो..
अब तुम नही वैसे हो..
जैसे थे पहले..

सुना है लोगो से जिंदगी ना मिलेगी दोबारा..
सो इस बार नाकाम सा ही सही...इश्क़ तो कीजे

तकिया देख कर तुम्हारा ख़याल आया हैं...
खवाबो मे मैने शायद तुमको जो बुलाया हैं...

क्यूँ डराते हो दुनिया वालो...
खुद तो करते हो इश्क़.......
प्रेम खूब करते हो....
हमे छाछ बतलाते... हो....

गम की बात थी...तुमने दिया........ मान से..
हमने भी मानी तुम्हारी बात...लिया शान से..

लो अब हमसे क्यूँ खोने की बात करते हो..
जब मिल गये हो पूरे तो जाने की बात करते हो..

हौसलो को कहों साथ ना छोड़े..
हम सूरज लेकर आते  हैं अभी



Wednesday, December 12, 2012

तन्हाई मे संग तुम होते हो... महफ़िल मे तुम गुम होते हो..


कही पढ़ा ...
सफ़र जैसा मजा कही नहीं , लेकिन घाटी डरा देती है ...
भाई जैसा प्यार कही नहीं, लेकिन भाभी लड़ा देती है ...
मेरा जवाब..
भाभी के चक्कर मे भाई हुआ मज़बूर..
बिना इज़ाज़त देखे कैसे..रिश्ता हुआ चकनाचूर

चाहा मुझे और बताया नही
कहते हो तुम्हारी खता ये नही..
कैसी करते हो बातें तुम
ये..तुम्हारी अदा सही..

मुझे पता हैं...तुम रोए हो जार जार..
लिखा हैं ये तुम्हारे हर आँसू पर baar baar 

हमारे इश्क़ मे हैं तेरी ताक़त
ये क्यूँ भूल जाते हो..
करते हैं तुमसे मोहब्बत...
ये तुमको आज बतलाते हैं

फ़िक्र मत किया करो
हम तुम्हारे साथ हैं
जो आए जिंदगी मे कोई ढलान
पकड़ लेना हमारा हाथ हैं..

तन्हाई मे संग तुम होते हो...
महफ़िल मे तुम गुम होते हो..

देकर अपनी कमाई उम्र भर की..
तुमने मुझे कर्ज़दार कर दिया..

बनिया होगा वो जो तराजू से तौले..
प्यार कोई व्यापार नही..जो नाप नाप के हो ले..

ज़रा सी मोहब्बत ने अपना असर दिखाया हैं..
खाई हैं नींद की ना जाने कितनी गोली....
लेकिन अब तक नींद को नही पा पाया हैं

Pt. ravi Shanker ji ki yaad me


छेड़ कर रागिनी दिलो मे
कहाँ तुम चल दिए..
हमे अपना बना कर
क्यूँ हाथ छुड़ा कर 
चल दिए..
माना हार गये उम्र से..
लेकिन सजदा करती हैं जिंदगी..
जिसे तुम अपना बनाकर चल दिए
आज और भी बहुमूल्य हो तुम
हम सबके वास्ते..
जो दिखाए तुमने हमे रास्ते..
उन्ही रस्तो पे आज से हम...
तुम्हारे साथ चल diye..



अ, ब, स, द



"अ, ब, स, द" के चक्कर मे
जिंदगी हुई बर्बाद हैं
न तुमको कुछ याद हैं..
न हमको कुछ भी याद हैं
सारे वादे, यादे, कसमे..
सब हुए अब खाक हैं
हमको जो भूले वो तो
क्या करे अब बात हैं





Monday, December 10, 2012



अगर चाहोगे तुम मुझ को,,
तुम्हारी साँस से पहले ,,
तुम्हारी जान बन जाउ
अगर देखो गे तुम मुझ को,,
तुम्हारी आँख से पहले ,,
तुम्हारे ख्वाब बन जाउ
अगर सोचो गे तुम मुझ को,,
तुम्हारे पाव से पहले ,,
तुम्हारी राह बन जाउ
मोहब्बत नाम है मेरा,
मुझे तुम सोच कर देखो..

आरजू ख़त्म, जिंदगी ख़त्म

कैसे करेगा कोई सिद्ध
अपने होनेपने को......
ये कोई खेल नही हैं..
ना ही गणित का कोई सवाल
ये हैं उसकी कलाकारी..
जिसे कोई ना पाया पार

टेक्नालजी का कितना फायदा उठाया हैं..
कर के कंप्यूटर लोड मेरी तस्वीर
बार बार निहारा हैं....
कर लिए हैं वर्चुयल व्रत पूरे..
हमने तो सारा दिन गवाया हैं...

अंधेरो मे रास्ता..एक ही दिखाता हैं...
आम भाषा मे जो परमात्मा कहलाता हैं..

सख़्त एहसास को भी नर्म बना डाला हैं..
कैसे किया ये सब...लगता हैं मोहब्बत कर डाला हैं..

मैया का प्यार बड़ा निराला हैं
पल भर मे सब कुछ दे डाला हैं..




Sunday, December 9, 2012

कहीं तुम ना निकल आओ..


सलीका सीखने मे गुजर गई उमर..
लेकिन तब भी सलीके से पीना ना आया..

दोनो ही बातों से ठगा गया मैं..
किसी ने वक़्त गुज़ारने के लिए, अपना बनाया मुझे, 
और किसी ने अपना बनाकर, वक़्त गुज़ार लिया ।

सलीका भूलने को ही तो उठाया था पैमाना
वरना तो सब याद था मुझे..

भूल गये सब कुछ, पैमाना याद रहा..
क्यूँ बनाया था अपना उसे..जो भूल जाना याद रहा

उसने सीखा था अपने अनुभव की किताब से तुम्हे पढ़ना..
तुम स्कूल जा के भी ना सीख सके चेहरा पढ़ना..

आज को कहीं दूर छोड़ आए हैं..
ये क्या आप तो कल को (भूत) अपने साथ ले आए हैं..

दिल तो कर दिया किसी और के हवाले...
अब क्यूँ फ़िकरमंद हुआ जाता हैं..
जिसको दिया हैं वो ही संभालेगा..
तू क्यूँ बेचैन हुआ जाता हैं..

खो गये जो आप तो..कहाँ हम पाएँगे...
बताकर कहीं और का..आप उनके पास ही जाएँगे..

भीगी जो पलके तो...ढूलक आए आँसू..
झट से पोंछ लिया डर के उसने..कहीं तुम ना निकल आओ..

अभी ना जाओ छोड़ कर, दिल अभी भरा नही....
जा रहे थे वो .....हमने ये कह कर उन्हे रोक लिया..

आपकी आँखो मे कुछ महके हुए से खवाब हैं
आप से भी खूबसूरत आपके अलफाज़ हैं......

दे तो दे उसे तोहफे मे आईना...लेकिन तुम खूबसूरत हो..ये कौन बताएगा...आईना बोल नही सकता ना..



खाली हाथ आते और खाली हाथ जाते हैं..


मुझे पता हैं कोई 
कहीं नही जाता..
सब घूम फिर कर 
यही रहते हैं आस पास
बस बदलते हैं कपड़े...
नहा धोकर वापिस आ जाते हैं..
लेकिन अपने पुराने दोस्त, 
पत्नी, बेटा, बेटी सब
वही भूल आते हैं....
ज़रूरी हैं ये भी शायद..
तभी खाली हाथ आते और 
खाली हाथ जाते हैं..
  

मेरा हाथ पकड़ने के बाद


वो परिंदा नही जो चला जाएगा..
वो तुम्हारा प्यार हैं कहाँ जाएगा..

कहाँ सुन पाएगी आँखें...
प्यार तो महसूस किया जाता हैं..
ना कहा जाता हैं..ना सुना जाता हैं..

तुमने कहा तो यकीन आया हैं..
सर्द शाम ने मुझे तुम्हारा एहसास कराया हैं ..

पहना जो स्वेटर तो लगा तुम आ गये..
जाने कब कैसे मेरे एहसासो पे छा गये

अब तक ढूँढ रहे हैं हम नब्ज़ अपनी..
जो खो गई थी आपके ........मेरा हाथ पकड़ने के बाद

उस शख्स ने आँखों से तबलीज् ही यूँ की,
की मैं बिन सोचे मोहब्बत पे ईमान ले आया.!

सच ही तो कहा हैं बुज़ुर्गो ने..
मोहब्बत ईमान की चीज़ हैं..

कहाँ जाओगे ये इल्ज़ाम लेकर
बहुत जी चुके हो मेरा नाम लेकर..

कैसे जियोगे इंटरनेट कनेक्सन बिना
इसी मे तो छिपा हैं..प्यार मेरा 

बिना हसरतो के कहीं प्यार हुआ करता हैं..
ये तो वो जज़्बा हैं जो बिना उठाए उठा करता हैं

आने वाला आएगा ..जाने वाला जाएगा..
क्या पता वो क्या लाएगा..क्या ले जाएगा..
इस उमीद पे क्या जीना..की लाटरी लग जाएगी
सवा लाख मे कौन सी किस्मत बदल जाएगी..????

आज का दिन बहुत अच्छा हैं..
चाँद ने किया आपको सजदा हैं..
सितारे भी साथ लाया हैं..
पता नही क्यूँ वो लगा रहा आपको
आज क्यूँ इतना मस्का हैं..

फायर जो हो ही गया, अब क्या होये..
पकाओ अब दुश्मनी...खाओ जब तक जी चाहे

जीभ हुई ज़हरीली अब
मीठा भर भर खाय..
मीठा पर बोले नही..
जाने क्या घट जाय