Saturday, June 18, 2011

Atam Anubhav: इन्हे बरस ही जाने दो

Atam Anubhav: इन्हे बरस ही जाने दो

इन्हे बरस ही जाने दो


आँसुओं की बात निकली हैं
तो इन्हे बरस ही जाने दो
क्यूँ रोकते हो इनको
ये तो बस दर्द का ज़रिया हैं
टूटा होगा अंदर से जब कोई बहुत बार
तब ही छलकी होंगी आँखें
कहाँ कब किसने तीर मारे हैं
कैसे ये से पाई होंगी
अपनों के गम की मार इन्हे
कहाँ ले आई हैं
जहाँ सिर्फ़ और सिर्फ़ रुसवाई हैं
नाम देते हैं बेवफा का हमको
तुमने भी कहाँ प्रीत निभाई हैं
ये तो मेरी आँखे हैं
जो आज भी भीग जाती हैं
याद मे तेरी
वरना तुमने भी कहाँ
वफ़ा निभाई हैं...

क्या तू ही भगवान


मेरे भीतर  प्रश्‍न है आया
क्या तू ही भगवान है
मॅन ने ही उत्तर थमाया
हा तू ही भगवान है..
बस थोड़ा सा अंतर है
तेरे भीतर दुनिया का घर है...
उसके आत्मिक लक्षण है
तेरे भीतर ये है मेरा ये है तेरा
वो  देखे सबको एक जैसा
तेरे भीतर जगत का पसारा
वो तो है निरलेप न्यारा
मेरे तेरे का भेद मिटाए
तो हम  शुध ब्रह्म बन जाए
फिर तू ही तो है भगवान कहाए...

तुझसे बुद्धि माँगे हम


हाथ जोड़ कर करे प्रार्थना
भगवान तेरे आगे हम
कैसे करे हम आत्म विवेचना
तुझसे बुद्धि माँगे हम
दे दो प्रभु हमे ज्ञान का सागर
भर दो मेरी बुद्धि की गागर
पाए तुमसे ही सदज्ञान हम
तेरे है हम, तेरे ही रहे हम
तुझसे पाए प्राण हम
हे प्रभु देना विवेक तुम
हमको अपने हाथ से
ताकि हम कर सके विवेचना
क्या है ये अज्ञान गहन
ज्ञान की बातो मे हम झूले
अज्ञान की बातें हर दम भूले
पाए बुद्धि और ज्ञान हम
दूर करे घनघोर तम
हाथ जोड़ कर करे प्रार्थना
भगवान तेरे आगे हम

kaise banti hai rachnaiye??


mere mitra Ubhaan Ji dwara 
उन हदों को छू आया हूँ
जहाँ आसमान बाकी था
वह गिरता कैसे
अभी नीचे मैं खड़ा था

answered by Satish sharma ji....
बुधू नहीं है आसमान
सब समझता है.
अगर गिरना ही है तो
सीधे जमीन पर गिरेंगे
इन बिचोलियों के हाथ
आखिर क्यों पड़ेंगे
इस लिए जब तक
एक पेड़ भी जमीन पर खड़ा है
तब तक आसमान भी अपनी
जगह पर वहीँ अड़ा है
क्यों की बुधू नहीं है
आसमान सब समझता है

answer by me.....
गर बुद्धू नही है आसमान
तो एक जगह पे क्यूँ खड़ा है..
आए उतर के जमी पे
देखे क क्या मज़ा है..
धरती क प्राणी कैसे?
धरती की दुनिया कैसी.?
कैसी अल्मस्त है ये दुनिया
उसको नही पता है

पत्थर था जो मोम बना वो


 पत्थर था जो मोम बना वो
तेरे बस छू लेने से
आँसू जो था बूँद बना वो
तेरे बस छू लेने से
कितनी सख्ती थी उसमे
बड़ा पाषण हृदय था वो
तूने ऐसा प्यार दिया कि
पिघल के अब मोम बना वो
ऐसा क्या था बस तेरे छू लेने मे
दिल की सख्ती जाती रही अब
प्यार बढ़ा हर कोने मे
पत्थर था जो मोम बना वो
तेरे बस छू लेने से
एक स्टोरी याद आ गई ........

एक गाव मे बहुत  से पंछी रहते थे सब का आपस मे बड़ा प्यार  था  उसी गाव  मे एक शिला थी जिसका नाम मुदार शिला था वो बहुत सुंदर थी सारे पंछी उसे बहुत प्यार करते थे रोज़ उसके पास आते थे उससे बाते करते थे अपनी कहानी सुनाते थे यहा तक की अपना चेहरा भी देख लेते थे लेकिन मुदार शिला मोर से प्यार करती थी वो रोज़ मोर का इंतेज़ार करती थी की वो आए..मोर को पता नही था कि मुदार शिला उसे प्यार करती  है जब उसे पता चला तो वो उसे देखने आया पर जैसे ही मुदार शीला ने मोर को देखा वो पिघल कर पानी बन गई...इस स्टोरी का मोरल यह है की दुनिया से जब गुरु के पास आए थे तो बहुत सख़्त थे लेकिन जैसे ही गुरु ने परमात्मा प्रियतम की बात सुनाई तो पिघल कर पानी हो गये

दुनिया मे दुख कितने कम है


दुनिया मे दुख कितने कम है
ये कहने का किसमे दम है
दुनिया तो दुखो से भरी पड़ी है
न जाने कितने दुखी इंसान
जिनके पास बेहिसाब दुखो
की लड़ी है....
एक दुख जाता नही
चार और आ जाते है...
बेचारा एक से लड़ पता नही..
वो चार और दबा जाते है..
मज़बूर इंसान बेचारा क्या करे
लड़े तो लड़े..
ना लड़े तो भी लड़े...
कुछ उपाय नही सूझता है..
क्या भगवान भी कभी नही
पसीजता हैं.....
हे भगवान कही से आओ
कोई तो राह सुझाओ..
हमे अपनी राह लगाओ...
नही तो दुखो से  छुटकारा दिलाओ..
आओ मेरे राम आओ...
आ कर मुझे गले लगाओ..
अपना बनाओ..

अब नही होगा देश का नैतिक पतन


 देश का उद्धार हो और बढ़े अपना वतन
छोड़ दे होशियारिया ना बने देश के दुश्मन
देश मे ही हमारी जान है
देश से ही हमारी पहचान है
अपने ही देश को जो लूटते
वो महा बैईमान है
अब नही करने देंगे देश का उनको हनन
बचाएँगे इस देश को ये तो है अपना चमन..
बुद्ध, कबीरा, नानका के देश मे,
जहा जन्मी मीरा, सीता, अहिल्या नारियो के वेश मे
होगा फिर नव सृजन
जिस देश से लोगो ने ली हो साधना की शिक्षा
क्यूँ माँगे नैतिक मूल्‍यो की भिक्षा
नही करने देंगे देश का अब और खनन
अब नही होगा देश का नैतिक पतन...नैतिक पतन
करते रहेंगे देश को शत शत नमन शत
शत नमन...

कहाँ गये हो जानम तुम


कहाँ गये हो जानम तुम
भूल गये क्या हमको तुम
कोई चिट्ठी , कोई पत्रि ना कोई तार है..
अब जमाना ईमेल का, क्या नेट भी बेकार है..
प्लीज़ मुझसे बात करो
या फिर मुझको कॉल करो
नही तो हम ये समझेगें
बदल गये हो हमसे तुम
हमसे बदल के जानम तुम
यू भी ना जी पाओगे
मेरे जैसी प्यारी, हँसी
दोस्त कहा से लाओगे
छोड़ो पुरानी बाते तुम
आकर मेरे साथ चलो
कहाँ गये हो जानम तुम
भूल गये क्या हमको तुम?

तब तो कोई बात बने


  • कोई सूरज जागे धरती पे
    तब तो कोई बात बने
    तू आ कर के मुझे बुलाए
    तब तो कोई बात बने
    दुनिया की बाते करते हो
    दुनिया कब किसकी होती है
    वो तो बस अपने मे ही सोती है
    कब, किसका, कैसे दिल टूटा
    तुम आ कर के पूछो
    तब तो कोई बात बने
    वरना हम खो जाएँगे
    दुनिया की इस भीड़ मे
    तुम आ कर के मुझको डूंढो
    तब तो कोई बात बने.......

    Prateek Shesh तू मेरे साथ जीवन भर चलने की मत सोच
    मेरे साथ दो कदम चल सके तो भी बात बने

    Aparna Khare Prateek Shesh तमाम उम्र कौन साथ देता है
    कुछ दूर मेरे साथ चलो तो कोई बात बने

    Kump Singh मुझे तुम अपनी और खींचती हो ज़्यादा ये कहकर,
    कि मैं ख़ौ जाहुँगी इस भीड़ मे दौबारा न मिलने को

    Aparna Khare किसी बहाने तो पॅक्डो मेरा हाथ
    तब तो कोई बात बने

    Kump Singh मैं हाथ तो पकड़ सकता हूँ कभी भी,
    पर मुझे डर ज़्यादा रहता है राखी से......

    Aparna Khare अगर मॅन हो आपका साफ तो ही पॅक्डो मेरा हाथ
    तब तो कोई बात बने....rakhi ki kya bisaat....

    Kump Singh हाथ जो पकड़ लूँ मैं कही और तुम ये कह दो,
    ठहरो देख लूँ कही है तो नही हम किसी क़ी नज़र मे

    अपर्णा :-कोई सूरज जागे धरती पे
    तब तो कोई बात बने

    प्रतीक :- हम हमारी रौशनी से चमकते है
    क्यों सूरज को जगाये

    अपर्णा :-तू आ कर के मुझे बुलाए
    तब तो कोई बात बने

    प्रतीक :-तू एक बार दिल से आवाज दे देना
    मे दौड़ा चला न औ तो कह देना

    अपर्णा :-दुनिया की बाते करते हो
    दुनिया कब किसकी होती है

    प्रतीक :-मुझे नहीं वास्ता दुनिया में
    लेकिन बस तेरे लिए एस दुनिया में रहता हु

    अपर्णा :-वो तो बस अपने मे ही सोती है
    कब, किसका, कैसे दिल टूटा

    प्रतीक :-किसने कहा वो अपने में ही सोती है
    उसकी नजरे तो रात दिन हमारे प्यार पर टिकी रहती है

    अपर्णा :-तुम आ कर के पूछो
    तब तो कोई बात बने

    प्रतीक :-प्यार दोनों तरफ से हुआ है
    एक बार तुम आकर पूछो तो बात बने

    अपर्णा :-वरना हम खो जाएँगे
    दुनिया की इस भीड़ मे

    प्रतीक :-तेरे मेरे बीच में डोरी है एक अनजानी
    जो न दुनिया न देखि सिर्फ हमने बंधी

    अपर्णा :-तुम आ कर के मुझको डूंढो
    तब तो कोई बात बने.......

    प्रतीक :-भला दिल भी किसी अपने टुकडो को धुंध करता है
    तुम आँखे बंद करना,,मे हाजिर हो जाऊंगा

    Aparna Khare so nice prateek..........

    Kump Singh प्रतीक तुमसा दीवाना न देखा मैने,
    अगर मुझे न देखा तो क्या देखा प्रतीक

    Aparna Khare आपस मे ही बाट लो ज़ज्बात
    ऐसी कौन सी है बात

    Kump Singh मैने जब भी उठाई किसी पर नज़र,
    दुनिया को खूब जलन हुई है प्रतीक

    Prateek Shesh अरे हमने तो पूरी दुनिया देख ली
    बस उसकी नजरो में आते ही गुम हो गए

    Prateek Shesh तुमने तो नजर उठाई थी और दुनिया जलने लगी
    मैंने तो आँख भी नहीं खोली की सूरज तिलमिला उठा

    Kump Singh जहाँ जहाँ मेरी नज़र गई वो चीज़ मेरी न हुई,
    किसी गैर क़ी बाहों मे जाकर हलाल हुई..........हा हा

    Aparna Khare खोना पाना गुम हो जाना ये तो काम मोहब्बत का..

    Prateek Shesh हमने तो मोहब्बत के अलावा कुछ किया ही नहीं
    लेकिन उस बेवफा को मोहब्बत का अर्थ ही नहीं पता चला

    Kump Singh प्रतीक झूठ भी ढंग से बोला करो,
    वैसा तो होगा ही पूरी रात के बाद खोला करो.........हहा

    Prateek Shesh हमने तो उसकी याद में न दिन जाना न रात
    हमने तो पीना भी छोड़ दिया उसके जाने बाद

    Kump Singh मोहब्बत के नाम से अब हमको भी डर लगता है "कुम्प"
    कि कितने आशिक़ जलाए गये है अंजाम से पहले............

    Prateek Shesh हम किस किस को कहे अपना दर्द
    अब तो आगाज से पहले अंजाम से डर लगता है

    Kump Singh मुझे तो कह दो गर तुम खुद न संभाल पाते हो प्रतीक,
    मैने कही आवारो क़ी बस्तिया खड़ी क़ी है

    Prateek Shesh कभी कभी तो महफ़िल में तुम भी बहक जाते हो
    खुद तो संभल नहीं पते,हसीनाओ की बात करते हो

    Aparna Khare मोहब्बत करने वाले अंजाम से क्यूँ डरते हो...
    या तो पा जाओगे मोहब्बत, या फ़ना हो जाओगे
    Kump Singh इन आँखो का क्या करे कोई,
    ये न जाने क्या क्या ज़ुल्म करवाती है प्रतीक

    Prateek Shesh आँखों में सदा उसे ही रखो
    अक्सर हसीनाओ की मुफलिसी कहर ढा देती है

    Kump Singh आखो पे कौन यकीन करता है आजकल,
    कुम्प तो एडी से छोटी तक का नाप रखता है सबका

    Prateek Shesh बस यही तो मात खा जाता है कुम्प
    हसिनाये अक्सर आँखों से वार करती है

    Aparna Khare आँखो से दिल मे उतरना है...
    काम एक बस यही तो करना है
    तो फिर इस हाल मे आँखो से क्या डरना है

    Kump Singh मुझे आँख से आँख मिलाने क़ी आदत नही है,
    ये तो कुम्प तब करता है जब दमदार दुश्मन मिलता है

    Prateek Shesh दुश्मन तो अक्सर पीछे से वार करता है
    ये कलिया ही है जी दिल में चाकू मार जाती है

    Aparna Khare प्यार मे वार कैसा? दुश्मनी कैसी?
    प्यार तो प्यार है... नासमझी कैसी?

    Prateek Shesh अरे एक यही तो जंग है जहा सब कुछ जायज है
    वर्ना बाहर तो अपने भी रूठ जाते है

    Kump Singh खूबसूरत हो हसीना तो हज़ार वार सहन कर लूँ,
    पर आँखो से हसीना ओ के वार से डरता है कुम्प

    Prateek Shesh हसीना तो हसीना होती है
    बद क्या खूब सूरत क्या

    Aparna Khare एक को चुनोगे तो ना पाओगे मात कभी
    संख्या बढ़ा ली तो .....

    Kump Singh जंगी जहाज़ के बेड़े मे पुराने हथियार कहाँ कामयाब होते है,
    खूबसूरती क़ी चाहत मे तो "कुम्प"अब तलक कुँवारा है
    Meenu Vohra तुम आ कर के मुझको डूंढो
    तब तो कोई बात बने..............kya baat..........!

    Prateek Shesh Aparna Khare,,,,,,,,,,,हमें तो सदा हजारो दीप ही प्यारे है.............
    एक सूरज से काम नहीं चलता हमारा

    Vinay Sharma bahut sundar mukhda hai ji " कोई सूरज जागे धरती पे
    तब तो कोई बात बने"

    Aparna Khare thanks Vinay ji....

    Aparna Khare Thanks Meenu ji

    Prateek Shesh अरे उसने तो कभी मुझे सिद्दत से चाह ही नहीं
    वर्ना मुझ जैसा दीवाना उसे कहा मिलता

    Kump Singh तुम रात मे ख्वाब संजाते हो प्रतीक,
    मैने दिन मे तारे दिखाए दुनिया वालो को

    Aparna Khare एक सूरज रोशन हो तो हज़ार चाँद फीके है...
    तुम दीप की बात करते हो...वो तो सूरज के आगे छोटे

    Prateek Shesh दुनिया की क्या ओकात हमारे सामने आये
    वर्ना हम तो कब के तारे दिखा चुके होते

    Prateek Shesh अरे तुम किस दुनिया की बात करते हो
    जहा सूरज को भी एक तारा माना जाता है

    Aparna Khare माना सुरज भी एक तारा है..
    पर सबको जान से प्यारा है

    Kump Singh तुम ने तारे गिनने मे बिताई है राते,
    तभी तुम नही समझ पाते दिल क़ी बाते

    Prateek Shesh पता नहीं किसे प्यारा है
    हमने तो सदा उसे ललकारा है

    Prateek Shesh हमने तो कभी रातो में तारे नहीं गिने
    हा ये जरुर है की जब जब वो नहीं आई तब तब चाँद को निहारा जरुर है

    Aparna Khare मरने मारने मे बीत जाएगी उम्र सारी...
    छोड़ दो अब ये नादानिया प्यारी

    Kump Singh चाँद सी चाहत गर है तुम्हारी,
    तो काली रातों मे घर से क्यूँ नही निकलते हो

    Prateek Shesh हमने कब की नादानीया इतनी
    उसने तो पहली नजर में ही मार दिया

    Prateek Shesh मै तो अक्सर अंधरे में ही रहता हु
    कभी आसमा में चाँद को देख लेना

    Kump Singh ये ज़ुल्म है हुआ है आज तुमसे से अर्पणा,
    भरी महफ़िल मे उसे मासूम कह दिया

    Kump Singh मैने हर प्रतिद्वंदी को यह कहकर छोड़ दिया,
    अभी तो मासूम उमर है इसकी

    Aparna Khare जो मर गया उसे कौन मार सका
    ये तो तुम्हारी ग़लत फ़हमी है
    जिसे तुम ने प्यार का नाम दिया

    Aparna Khare मासूम को मासूम ना कहे तो क्या कहे
    कैसे उसे कोई इल्ज़ाम दे

    Kump Singh प्यार मरता नही है जब मैने सुना है,
    यकीन न था तो ताजमहल एक बार फिर देख आओ

    Kump Singh उसने अब नादानी करनी छोड़ दी,
    तो कुम्प भी अब आज़ाद होगा इस महफ़िल से

    Aparna Khare ताज़ महल क्या देखे कोई
    दिल मे उतर कर क्यूँ ना देखे

    Prateek Shesh ये किसी और की पंक्ति है
    मुझे उठता तेरी महफ़िल से,उस गैर की क्या ओकात
    मैंने भी देख लिया था कुछ इशारा तो तुम्हारा भी था

    Kump Singh अब विदा लेता हूँ अर्पणा जी............
    इस नादान से कोई चूक हुई हो तो क्षमा प्राथि हूँ......बाकी बसे दिन क़ी शुभ कामनाएँ

    Prateek Shesh मै भी चलता हु दीदी

Friday, June 17, 2011

श्रद्धा और विश्वास मे क्या फ़र्क हैं?


      • Ravindra Shukla dono kaa sambhandh man se hotaa kai---

      • Ravindra Shukla ye ik mano vigyaanik prashan hai ----

      • Aparna Khare sahi kaha apne but log kehte hain shraddha toot gai..kya ye tootti hain?
        9 hours ago ·

      • Nirmal Paneri वाह ...श्रधा इन्सान की किसी के प्रति हुआ करती है ...जो उसके विश्वास को अटल बनाती है ...और ये दोनों एक दुसरे को बांधने का काम करती है ...आत्मा और शारीर का एक साथ होना ही श्रधा और विश्वास है शायद और धार्मिक पदति से समझा जाये तो ..शिव साक्षात विश्वास का स्वरूप है और पार्वती श्रद्धा है..!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!1
        9 hours ago ·

      • Ravindra Shukla ham nirmal se sahmat hai -----
        9 hours ago · · 1 personLoading...

      • Aparna Khare मेरे ख़याल से श्रद्धा कभी विचलित नही होता और हमारा विश्वास समय के साथ दोलता रहता हैं कभी कम कभी ज़्यादा
        9 hours ago · · 1 personLoading...

      • Nirmal Paneri tuta ता विश्वास है ...श्रधा कभी नहीं ...इसी लिए उसको शिकायत अब भी की श्रधा थी पर विश्वास टुटा ...वही आत्मा और शारीर !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
        9 hours ago · · 2 peopleLoading...

      • Aparna Khare खंडित विश्वास को जोड़ा जा सकता हैं?

      • Nirmal Paneri वही काम श्रद्धा करती है .....श्रद्धा ही जोडती है इन्सान को ....शिव और पार्वती का उद्धरण इसी लिए दिया ...श्रद्धा थी शक्ति में .... तो शक्ति के जाने से ...कुछ समय बाद फिर पार्वती को लाया गया ..उस प्रकृति द्वारा !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
        9 hours ago ·

      • Aparna Khare कोई ऐसा उपाय जो श्रद्दा कभी खंडित ना हो....जैसे तेल की अविरल धारा जो कभी नही टूटती लेकिन पानी की धार छिन्न भिन्न हो जाती हैं
        9 hours ago ·

      • Ravindra Shukla श्रद्दा samay or kaal ke anusaar khandit hoti rahti hai ----
        9 hours ago ·

      • Aparna Khare क्या श्रद्धा इतनी छोटी हैं की कोई भी उसे हरा दे खंडित कर दे?
        9 hours ago ·

      • Nirmal Paneri
        9 hours ago ·

        जीवन में समर्पण ....भाव किसी के भी इश्वर को शक्षत मान कर जेसे आप को एक मानस पूजा का उधारहं देता हूँ
        हे शम्भो! मेरी आत्मा तुम हो, बुद्धि पार्वती जी हैं, प्राण आपके गण हैं, शरीर आपका मन्दिर है, सम्पूर्ण विषय-भोग की रचना आपकी पूजा है, निद्रा ...समाधि है, मेरा चलना-फिरना आपकी परिक्रमा है तथा सम्पूर्ण शब्द आपके स्तोत्र हैं; इस प्रकार मैं जो-जो भी कर्म करता हूँ, वह सब आपकी आराधना ही है...आब आप इस में कहन विचलित हो सकतें है कसी के प्रति या किसी के कहने से या सुनने से !!!शयद आप की श्रधा बनी रहे ...आप को किसी की बात पैर विश्वास करना की जो आप कर रही है वो सही नहीं है ...ये ही शंस्य पैदा करेगा ...वही विश्वास हो डिगमग्येगा ...पैर आप का विश्वास अत्तल है तो शयद आप विजय होंगी ...पर समर्पण जरुरी मान से !!!!!!!!
        !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!1
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      • Aparna Khare अगर विश्वास अटल होता तो कभी टलता नही यानी झूठा विश्वास अपने आप पर परमात्मा पर
        9 hours ago · · 1

      • Nirmal Paneri श्रद्धा ...का अटल होना ....विश्वास की बुनियाद वाही है !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
        9 hours ago ·

      • Aparna Khare अपने आप पर या भगवान पर?
        8 hours ago ·

      • Nirmal Paneri KISI PER BHI .......AAP SYAM ISHWAR HAI ....SHIVOHUM ...MEN HI SHIV HUN
        8 hours ago ·

      • Aparna Khare लेकिन ईश्वर से भूल ? वो कैसे भटक सकता हैं अपने उदेश्य से
        8 hours ago · · 1 personRavindra Shukla likes this.

      • Nirmal Paneri

        इन्सान की फितरत कम करती है ...श्रद्धा मन करती है पर ...इंसानी विश्वास डिग मगाता है ....वही शिव के साथ हुआ जब शक्ति के शव ले कर उन्होंने घूमना शरू किया ...अन्तोगत्वा वह नहीं रही फिर से सरधा से प्राप्त किया .....अब होता क्या है की हम किसी भी ...बात को एक दुसरे से जोड़ने का प्रयत्न करतें है ...तो व्श्वास मान में कई शंकाओं की उत्पत्ति करता चला जाता है इन्सान उसी में उलझ ता चलता है ...वाहं श्रद्धा की अनदेकी होने लगती हैं ....भटकाव शरू हिने लगता है ...इसी लिए कई बार देखा है की इन्सान कहता है समय खरब था फिर से सब ठीक हुआ ....श्रीध की और मान जब फिर से जाने लगता है विश्वास की नीवन फिर से बानने लगती है इन्सान आपने पूर्ण रूप में फिर से आने लगता है ...शयद जहन तक में आपनी मान की बात आज यहं लिख रहा हौं में कोई आदर्श नहीं या मेरे विचार ...पर जो जो अब तक देखा है ..या जीवन में घ्रहं किया ही उसी को आधार मान कर लिखा है ....या बिलकुल मेरे निजी विचार है ....!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!See More

      • Hitesh Joshi Jab visvas Andha ho ja a to vah sardha ban jati he
        Visvas ka charam bindu shardha he


      • Ubhan Suyessh networak,,,,,,,,,,,,,,,
        7 hours ago · · 1 personLoading...

      • Ubhan Suyessh kuchh likhna chahta hun ,,,,,,,uff,,,roj ka ek hi rona hai,,,,,,

      • Aparna Khare u are most welcome...sir
        7 hours ago · · 1 personLoading...

      • Aparna Khare

        mere param priya mitr Ubhaan ji ki aur se....kyunki unka network theek se kaam nahi kar raha hai....श्रद्धा का केंद्र हृदय है ,,,यह भीतर के प्रेम से उठती है,,isko parkha nahi jata,,,yah bas hoti hai,,
        विश्वास का केंद्र दूसरा होता है जो बाहर ...होता है ,किसी दूसरे को परखने के बाद विश्वास किया जाता है
        विश्वास के टूटने पर दुःख होता है
        श्रद्धा कभी नहीं टूटती ,,आदमी मिट जाता है
        विश्वास शाखाएं हैं और श्रद्धा जड़ें
        विश्वास दिखता है श्रद्धा आभासित होता है
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      • Aparna Khare true.....100%
        6 hours ago · · 1 personLoading...

      • Ravindra Shukla ab is post par kyaa likhaa jaaye sab saaf ho gyaa hai ---kisi ko koi shak---
        6 hours ago · · 1 personLoading...

      • Aparna Khare नही शीशे सी चमक रही हैं श्रद्धा
        6 hours ago ·

      • Hitesh Joshi

        Sahmat hu ubhan ji
        Dusre sabdo me
        SARDHA hamari
        Tisri aankh(eyes)
        He do aankhe es sansar ko dekhne ke liye
        ...Aur sardha ki aankh se PRMATMA ko dekha jata he
        SARDHA SWAYAM asatitv me hoti he
        See More

      • Bhuwnesh Prabhu Joshi hitesh bhaiya ....keep it up
        5 hours ago · · 1 personYou like this.

      • Aparna Khare prabhu ap kyun nahi
        5 hours ago ·

      • Bhuwnesh Prabhu Joshi विश्वास आत्मा का धर्म है और स्थिर रहता है। जबकि किसी व्यक्ति के कर्मो को देखकर उसके प्रति श्रद्धा उत्पन्न होती है जो कि समय के साथ घटती-बढ़ती रहती है।
        5 hours ago · · 1 personLoading...

      • Aparna Khare श्रद्दा और विश्वास दोनो का दिया हर समय जला के रखना पड़ता हैं और जैसे दिए को आड़ देकर रखते हैं ऐसे ही परमात्मा के प्रति जले दिए को भी दुनिया की हवा से बचा कर रखना पड़ता हैं की कोई उसे बुझा ना दे...
        5 hours ago · · 1 personLoading...

      • Hitesh Joshi
        5 hours ago · · 1 personLoading...

        Jigyasu vyaktiyo ki 4 sreni hoti he
        1 vidhyarthi TARK se chalata he
        2 sadhak KRATY se
        3 sisya PREM se
        4 bhakt SARDHA se
        ...PREM KI PARAKAASTHA HE SARDHA
        jiski moujudgi me sardha ki kli phul ban jay usi ka nam SADGURU he
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      • Ravindra Shukla kyaa chal rahaa hai -----sunaa hai gambhi baat ho rahi hai ----
        5 hours ago · · 2 peopleYou and Nirmal Paneri like this.

      • Aparna Khare ap bhi aye swagat hain apka
        5 hours ago · · 1 personLoading...

      • Nirmal Paneri shriddha se
        5 hours ago · · 1 personLoading...

      • Hitesh Joshi Visvas tarkik he jiska sambandh budhi se he
        Jab ki sardha ka samcndh hamari aatma se he
        Tark ki antim nisptti aatmghat he aur sardha ki amart jivan

        5 hours ago · · 1 personLoading...

      • Aparna Khare bahut acche joshi ji..
        5 hours ago ·

      • Hitesh Joshi Bahut bahut aabhar aparna ji
        5 hours ago · · 1 personLoading...

      • Aparna Khare दिल यानी श्रद्धा
        दिमाग़ यानी विश्वास
        जहा से दिमाग़ का अस्तित्व समाप्त होता हैं वही से दिल की सीमा शुरू होती हैं यानी यहा से विश्वास अपना अस्तित्व खोता हैं वही से श्रद्धा अपना काम शुरू करती हैं दिमाग़ तो वाहा तक जा भी नही सकता जहा तक श्रद्धा जा सकती हैं

        5 hours ago · · 2 peopleLoading...

      • Aparna Khare श्रद्दा से ना जाने कितने रुके हुए काम बन जाते हैं जो की असंभव प्रतीत होते हैं
        5 hours ago · · 1 personLoading...

      • Suman Mishra श्रध्हा हमेशा ,,,अपने से आदरनीय पूज्यनीय पर ही होती है, लेकिन विश्वास का धरातल जंतु, मानव, इश्वर....सब पर इंसान कर कर सकता है,,,,,विश्वास.....मैं सकारात्मक और नकारात्मक (सही होगा, गलत होगा) दोनों भाव होते हैं, लेकिन श्रधा हमेशा,,,पवित्र और पूज्यनीय भाव निहित होती है,,,
        4 hours ago · · 2 peopleLoading...

      • Ravindra Shukla

        स्वय्म भगवान ने गीता में कहा है कि "यो यो याम याम तनु भक्त: श्रध्यार्तचितुमुछति!तस्य तस्याचलाम श्रध्हा तामेव विदधाम्यहम!! अर्थात जिस भी रुप से भजे भगवान उसी रुप में साधक की श्रद्धा को द्रन करते हैं और मृत्युओप्रांत जीव उसी लोक को प्राप्त हो...ता है. ". दोनों ही ग्रन्थ परम उर्क्रिश्त हैं. घर परिवार में सूख शांति और तांत्रिक प्रयोगों से रक्षा के लिए सप्त्शति का पाठ होता है, सप्तशती के पाठ और जाप से मन में माँ के प्रति शिशु भाव का उदय होता है और ऐसा लगता है कि माँ की गोद का पावन सनिध्य मिल रहा है.
        ---agyaat
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      • Bhuwnesh Prabhu Joshi श्रद्धा और विश्वास दोनों हृदय से गति लेते है.....विश्वास जब पराकाष्ठा की ओर अग्रसर होता है....श्रद्धा मे परिणीत होने लगता है...
        श्रद्धा के लिए पहले विश्वास का होना परम आवश्यक है..


      • Ravindra Shukla मेरे मित्र अमित का कहना है की श्रध्हा मेरे ऑफिस की क्लर्क है ---उसमे विस्वास बहुत है ----..
        4 hours ago · · 4 peopleLoading...

      • Bhuwnesh Prabhu Joshi धाय धाय ...
        4 hours ago ·

      • Ravindra Shukla dono me santulan bahut sahi hai -----
        4 hours ago ·

      • Aparna Khare bhuvnesh ji bilkul sahi kaha apne....vishvaas choti stage hain shraddha ki...aur shraddha full grown ped hain jeevan ka
        4 hours ago · · 1 personLoading...

      • Ravindra Shukla श्रद्धा ki umar 22 saal ki hai ---
        4 hours ago ·

      • Bhuwnesh Prabhu Joshi आज दिन तक कुछ गलत कहा ......ही ही ही
        4 hours ago · · 1 personLoading...

      • Bhuwnesh Prabhu Joshi RAVI JEE..........धाय धाय ...
        4 hours ago ·

      • Ravindra Shukla shaadi ki baat chal rahi hai vyakti kaa naam vishvaas hai ....koi shak ----
        4 hours ago · · 1 personLoading...

      • Aparna Khare hmmm....ahankaar.....girne ki pratham seedhi hain....prabhu ji
        4 hours ago · · 1 personLoading...

      • Aparna Khare nahi koi shak nahi .....dono sath rahenge to phal phool jayenge aur prem ka janam hoga
        4 hours ago · · 1 personLoading...

      • Ravindra Shukla bachhe kaa naam prem hogaa-----
        4 hours ago · · 1 personLoading...

      • Suman Mishra श्रधा इश्वर और किसी आदरनीय व्यक्ति के लिए स्वतः ही हो जाता है,,,,उसके लिए विस्वाश का सहारा नहीं लेना पड़ता....क्योंकि...श्रधालू की आँखें बंद..मन भाव विभोर हो झूमता रहता है,
        4 hours ago · · 2 peopleLoading...

      • Aparna Khare hmmm..........................parmatma ko poorn samarpit to prem hi hota hai...parakastha
        4 hours ago · · 1 personLoading...

      • Aparna Khare shraddha ke ankhe nahi hoti aisa maine suna hain kya ye sach hain....
        4 hours ago · · 1 personLoading...

      • Suman Mishra क्योंकि अगर हम किसी निर्जन स्थान मैं हों..और सामने कोई महात्मा या श्रधेय व्यक्ति आ जाए,,,जिसे आपने कभी देखा ना हो.,...लेकिन मन श्रध्हा से परिपूर्णा हो जाएगा,,,,विश्वास के लिए समय कहाँ रहता है,,,
        4 hours ago · · 2 peopleLoading...

      • Suman Mishra क्योंकि श्रद्येय के लिए,,,विश्वास जैसी परीछा उचित नहीं वो स्वयं विश्वास की प्रतिमूर्ति है
        4 hours ago · · 2 peopleLoading...

      • Nirmal Paneri

        हथेली पे रेखाएँ, हैं सब अधूरी
        किस ने लिखी हैं, नहीं जानना हैं
        सुलझाने उन को न आएगा कोई
        समझना हैं उनको ये अपना करम हैं
        अपने करम से दिखाना हैं सब को
        ...खुद का पनपना, उभरना हैं खुद को
        अंधेरा मिटाए जो नन्हा शरारा
        दिशा जिस से पहचाने संसार सारा
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      • Aparna Khare सही कहा लेकिन अगर हम सामने वाले को कभी देखा ना हो और मॅन ही मॅन उसके प्रति श्रद्धा हो अगर मिल जाए तो कैसे पहचानेंगे
        4 hours ago · · 1 personLoading...

      • Bhuwnesh Prabhu Joshi सही कहा अपर्णा जी.............श्रद्धा के आँखे नहीं होती...सच है जी
        4 hours ago · · 2 peopleLoading...

      • Ravindra Shukla dono kaa aadhaar manovigyaanik hai ----
        4 hours ago ·

      • Aparna Khare लेकिन श्रद्धा वाला वो देख लेता हैं जो आँख वाला नही देख पता हैं
        4 hours ago ·

      • Nirmal Paneri JISKE AAKHEN HAI VHAI DEKH NAHI PATA HAI ....JEEVAN MEN JISKE AAKHEN NAHI HAI VAHI DEKH PATA HAI ....VHAI SHRIDDHA HAI
        4 hours ago · · 1 personYou like this.

      • Ravindra Shukla vyvhaarik gyaan ke aadhar par bhi vyaakhyaa ho sakti hai -----
        4 hours ago · · 1 personLoading...

      • Ravindra Shukla us dishaa me bhi gati de ---
        4 hours ago · · 1 personLoading...

      • Aparna Khare pls kare na daddu..
        4 hours ago ·

      • Suman Mishra उसकी पवित्र तरंगे आपके अन्दर स्वयं समाहित हो जायेंगी....उस व्यक्ति का "AURA " ही इतना तेज़ होगा,,,की आप एक पल के लिए....स्वयं कहेंगे ,...".मुझे विश्वास नहीं हो रहा है आपको देखकर.." अहो bhaagya..
        4 hours ago · · 1 personYou like this.

      • Hitesh Joshi Apni jivan urja me sardha rakhna
        Parmatma ko pane ka sabse sugam marg he

        4 hours ago · · 2 peopleLoading...

      • Ravindra Shukla bhaai mujhe is vishay ki koi jaankaari nahi hai ----
        4 hours ago · · 1 personLoading...

      • Aparna Khare श्रद्धा खुद आती हैं या गुरु डालता हैं
        4 hours ago ·

      • Suman Mishra मुझे भी नहीं है,,,,,
        4 hours ago · · 1 personLoading...

      • Aparna Khare सब कह के कहते हो कुछ नही आता वाह सुमन जी
        4 hours ago ·

      • Bhuwnesh Prabhu Joshi गुरु के करीब हो जाओ इतने.....श्रद्धा आ ही जाएगी
        4 hours ago · · 1 personLoading...

      • Suman Mishra मुझे बहुत थोड़ा ही ज्ञान है,,,इस पर,,,वैसे ज्ञान का g भी मुश्किल से ही कभी कभी,,,,
        4 hours ago · · 2 peopleLoading...

      • Ravindra Shukla shanti se post ko gati de ---meraa sabhi se anurodh hai -----
        4 hours ago · · 1 personLoading...

      • Aparna Khare यही मैं भी कह रही थी की हम तो अनगढ़ पथर की तरह गुरु के पास जाते हैं गुरु ज्ञान, प्रेम, श्रद्धा डाल कर हमे सीचता hain
        4 hours ago · · 1 personBhuwnesh Prabhu Joshi likes this.

      • Aparna Khare एक एक रुपया सब से जोड़ेंगे तो बहुत सारा धन आ जाएगा ऐसे ही सबके एक एक विचार मिलकर ज्ञान की पोटली बन जाएँगे
        4 hours ago · · 1 personLoading...

      • Bhuwnesh Prabhu Joshi जिसका आप कोई प्रमाण नहीं मांगते, वह श्रद्धा है।
        4 hours ago · · 2 peopleLoading...

      • Aparna Khare यानी श्रद्धा अप्रमेय हैं
        4 hours ago · · 1 personLoading...

      • Nirmal Paneri
        4 hours ago · · 1 personLoading...

        गुरु और शिष्य का संबंद मेने आपने विचार से बनाया है आपने जीवन में ....आप के बीच शेयर करना चाहूँगा
        गुरु और शिष्य ..उस नदी के उद्गम सा है जाह्न नदी के उद्गम से कई तरह के पत्थर उस के साथ चलते रहतें है ...जो पत्थर आपनी दिशा और दशा ले लेता है व...िही उस नदी के साथ साथ चलता रहत अहि ..खुद को ढालता हुआ ...और नदी अंतत उस समुद्र में गिर्जती है ...पूर्णता को प्राप्त कर लेती है ..बचा पत्तर ...उसका जीवन कितने तपेडों से बना है वाही जनता है ...जो न बहा सका वो वहीँ पड़ा रहता है ...और कटता रहता है ...उस पानी की धार से .!!!!!!!!!!1See More

      • Bhuwnesh Prabhu Joshi बिलकुल अपर्णा जी...
        4 hours ago · · 1 personLoading...

      • Aparna Khare यानी शिष्य की मेहनत बेकार गई
        4 hours ago · · 1 personLoading...

      • Aparna Khare दशा और दिशा तो गुरु ही देता हैं ना अपने शिष्य को
        शिष्य तो कच्ची मिट्टी का बना हैं उसे क्या पता किधर बहना हैं

        4 hours ago · · 3 peopleLoading...

      • Hitesh Joshi jiski moujudgi me sardha ki kli phul ban jay usi ka nam SADGURU he
        4 hours ago · · 3 peopleLoading...

      • Hitesh Joshi Ok bye
        4 hours ago · · 3 peopleLoading...

      • Nirmal Paneri VAHI NADI DETI HAI DASHA OR DISHA ..PER ...US PATTHAR KA CHARITRA KESA HAI ...OR BAHNA CHATA HAI KI NAHI VAHI BAT HAI
        4 hours ago · · 3 peopleLoading...

      • Aparna Khare मान लो बहना चाहता हैं तो क्या मिलेगी गति उस पथर को
        4 hours ago ·

      • Nirmal Paneri US KO US NADI KE ANUSAR DHALNA HOGA ...AAPNE CHARITRA KO !!!NADI KE LIYE SAB SAMAN HAI
        4 hours ago · · 1 personLoading...

      • Nirmal Paneri JAB VO GIRA TO AAPNE KO PAHLE HI ITNA KATHOR BANA LIYA KI AAB VO BAHNE SE RHA HAI ..AAB TO KAL KAT KAR HI USKO CHOTA HONA HAI ....VAHI HAI JEEVAN MEN AAP KITNA KATHORE BANA HAI ...YE SHIKSHA BHI DETA HAI ...AAPNE DEKHA HOG KAI PATTHAR NADI MEN PADE HI RHATEN HAI
        4 hours ago · · 2 peopleLoading...

      • Ravindra Shukla बहादुरगढ [जासंकें]। सौलधामें प्रवचनों के दौरान पंडित कर्ण सिंह ने कहा कि शिव साक्षात विश्वास का स्वरूप है और पार्वती श्रद्धा है। भक्त की नजर में दोनों शब्द समान है परन्तु संतों की नजर में दोनों में अंतर है। विश्वास आत्मा का धर्म है और स्थिर रहता है। जबकि किसी मानव के कमरें को देखकर उसके प्रति श्रद्धा उत्पन्न होती है जो की समय के साथ घटती-बढती रहती है----
        4 hours ago · · 3 peopleLoading...

      • Nirmal Paneri ISI LIYE JEEVAN BHANE KA NAM HAI ...RUKA PANI KESA HOTA HAI AAP JANTEN HAI
        4 hours ago ·

      • Ravindra Shukla
        4 hours ago · · 5 peopleLoading...

        हमारे धर्म शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव अजन्मे हैं और विश्वास का भी जन्म नही होता है। इस प्रकार विश्वास व भगवान शंकर में एकरूपता है यानी विश्वास ही भगवान शंकर है।
        विश्वास आत्मा का धर्म है। परन्तु श्रद्धा पार्वती है। पार्वती को हिमालय के यहा...ं प्रकट होना था तो श्रद्धा को उत्पन्न करना पडता है। विश्वास सहज धर्म है। बालक जन्म से कुछ नहीं सीखता है फिर भी विश्वास है कि यह मेरी मां है जबकि श्रद्धा अनुभव से उत्पन्न होती है। विश्वास का एक रूप होता है यानी ये मेरे पिता हैं तो हैं यह विश्वास का एक निश्चित रूप है, जबकि श्रद्धा बढती-घटती रहती है अर्थात आज जिसे हम अपना हितैषी मानते है कल वह हमारा दुश्मन भी हो सकता है। उसके द्वारा किये गए कमरें से उसके प्रति हमारी श्रद्धा कम व ज्यादा हो सकती है, यानी किसी व्यक्ति के प्रति श्रद्धा अनुभव से घट-बढ सकती है। विश्वास स्थिर होता है। जबकि श्रद्धा घूमती-फिरती रहती है।
        उन्होंने कहा कि विश्वास कभी अंधा नहीं होता पर श्रद्धा अंधी होती है। श्रद्धा टूटे तो दुख ज्यादा नहीं होता है विश्वास टूटे तो अधिक दुख होता है। इसलिए श्रद्धा और विश्वास के बीच में संतों के मतानुसार बुनियादी अंतर है। श्रद्धा न हो तो विश्वास व्यर्थ है। विश्वास न हो तो श्रद्धा को भटकना पडता है। अत:साधक को विश्वास और श्रद्धा का समन्वय बांधना होगा।
        -----बहादुरगढ [जासंकें]। सौलधामें प्रवचनों के दौरान पंडित कर्ण सिंह ..
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      • Nirmal Paneri ‎@rAVI SIR ..YEHI BAT MENE BHUT UPAR KAHI HAI
        4 hours ago · · 3 peopleLoading...

      • Aparna Khare bahut sunder Ravindra ji
        4 hours ago · · 1 personLoading...

      • Aparna Khare श्रद्धा अटूट हैं या विश्वास या दोनो ही कही नही जाते अगाल बगल रहते हैं
        4 hours ago · · 2 peopleLoading...

      • Aparna Khare गुरु नदी हैं या नदी मे गतिशील पथर जो नदी मे समाने को बेकरार हैं
        4 hours ago · · 1 personRavindra Shukla likes this.

      • Nirmal Paneri HA HA HA HA ...AAJ TO PHOTU KO CHARITRAT KAR RHAI HAI ..aPARNA JI ...WAAH ...BHHUT SUNDRA ....JEEVAN MEN YE HI SACCHE GHYAN KI PARIBHASA HAI KI AAP KO BACCHA BAN KAR HI SHIKNA HAI ..HAR SAMY CHAE AAP KI UMRA KESI BHI HO ...SAMNE WALE SE
        4 hours ago · · 2 peopleLoading...

      • Aparna Khare थॅंक्स निर्मल जी.....क्राइस्ट ने कहा हैं Be like a child
        4 hours ago · · 2 peopleLoading...

      • Nirmal Paneri VAHI HAI JEEVAN MEN ...BACCHE BAN KAR SHIKNA ...SABSE BADA GYAN HAI ...SHIKNE KA ....SHUKRIYA JI
        4 hours ago · · 2 peopleLoading...

      • Aparna Khare जो बच्चा बनता हैं वो दुनिया के सारे तापो से बच जाता हैं जैसे घर मे कोई भी समस्या आ जाए बच्चे पे कोई फ़र्क नही पड़ता और अगर बच्चा रूचि भी ले तो कमरे से निकाल देते हैं तुम्हे क्या करना हैं हम हैं ना
        3 hours ago · · 1 personLoading...

      • Aparna Khare आप सा गुरु मिले तो कौन नही सीखना चाहेगा....मेरा जीवन धन्य हो गया आपकी शीतल छाया से
        3 hours ago · · 2 peopleLoading...

      • Ravindra Shukla ab btaao or kyaa kahnaa hai post ke baare me----kuaa kuch oar kahoon---?
        3 hours ago · · 1 personLoading...

      • Aparna Khare hmmm..keh sakte hain..ham seekhne ko taiyaar hain
        3 hours ago · · 1 personLoading...

      • Aparna Khare गुरु मिला तब जानिए मिटे मोह मॅन ताप
        हर्ष शोक व्यापे नही तब गुरु आपे आप

        सच्चा गुरु मॅन के मो को निकाल देता हैं, जब जीवन मे किसी बात पे ना ज़्यादा खुशी हो ना गम तब समझो गुरु का काम पूरा हो गया और शिष्य का जीवन गुरु जैसा हो गया


      • Hitesh Joshi Coment ka satak(100) to kar dijiye
        3 hours ago · · 2 peopleLoading...

      • Aparna Khare shatak ho chuka hain 109..
        3 hours ago · · 1 personRavindra Shukla likes this.

      • Hitesh Joshi To ab manniy satish ji ko es topic ka upsahanr likhne ko aamantrit kare
        Mene to kh diya ab 1 try aap bhi

        3 hours ago · · 2 peopleYou and Ravindra Shukla like this.

      • Satish Sharma
        3 hours ago · · 4 peopleLoading...

        विश्वाश -हमारे सुसुप्त मन में
        परत -दर -परत अपना
        अस्तित्व बनाता है- और
        आगे चलकर मौम से लाख और
        फिर चट्टान सा अडिग हो जाता है .
        ...
        श्रधा एक शब्द नहीं - भाव है
        स्वयमेव उभर आता है - जब कोई
        विश्वाश के अवलंबन में लिपट
        स्वत: शने शने हमारे अंतर्मन में
        जाने कब और कैसे उतर आता है .
        आने के बाद फिर-
        और कहीं कभी नहीं जाता है .
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      • Ravindra Shukla baabu ji gaagar me saagar bhar diyaa aap ne ----aabhaar----
        3 hours ago · · 2 peopleLoading...

      • Ravindra Shukla post smaapt-----
        3 hours ago · · 1 personYou like this.

      • Aparna Khare बहुत बहुत आभार बाबू जी आपका
        पलते रहे आपकी शीतल छाया मे
        यही हैं दुआ परमात्मा से

        3 hours ago · · 2 peopleLoading...

      • Hitesh Joshi Meri taraf se sat sat naman
        Es se sundar es topik ka ant nahi ho sakta
        Bahut bahut aabhar

        3 hours ago · · 1 personLoading...

      • Ravindra Shukla joshi ji kuch or kahnaa ho to kahe ---ham sunnaa chahte hai ----
        3 hours ago ·

      • Nirmal Paneri babu ji ko tahe dil se dhanyawad ....""word-of-the-day""
        3 hours ago · · 2 peopleLoading...

      • Ravindra Shukla nirmal se sahmat hoon---aabhar mitr--
        3 hours ago · · 1 personLoading...

      • Hitesh Joshi
        3 hours ago · · 3 peopleLoading...

        Nahi ravi ji
        Sardhey
        Satish ji
        Ne sab kuchh kah diya apni coment me jad buddhi
        Aur kya khu
        ...Ase bado ka aasirvad milta rhe
        Yhi parahu se kamana he
        Punh satish ji ko naman
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      • Ravindra Shukla joshi ji sahmat hoon---
        3 hours ago ·

      • Amit Agarwal Hitesh Joshi Ji se sehmat hoon
        about an hour ago ·

      • Amit Agarwal Shukla ji,,kripya saral shabdon main vyavharik gyan ke adhaar par vyakhya karien....
        33 minutes ago · · 1 personYou like this.