जाड़ा बहुत भाता हैं
चाय की चुस्की और रज़ाई
और उसपे तुम कुछ कुछ अलसाई
मेरा भी बस चुपचाप तुम्हे देखे जाना
मन को रोमांचित कर जाता हैं
सच मे जाड़ा बहुत भाता हैं
घड़ी भागती तेज़ रफ़्तार से
तुमको भी हैं ऑफीस जाना
छोटा बच्चा रो रो कर जागता
मॅन बहुत घबराता हैं
सच मानो फिर भी
जाड़ा बहुत भाता हैं
सारे काम रुक से जाते हैं
जब सर्दी मे हाथ ठंडे हो जाते
ऐसे मे तुम्हारा नरम नाज़ुक हाथ
बहुत याद आता हैं.....
सच कहूँ जानम जाड़ा बहुत भाता हैं